Electricity bill dues recovery campaign : मध्य प्रदेश में बहुत से विद्युत् उपभोक्ता ऐसे हैं जिनपर लाखों रुपये बिजली बिल का बकाया है, कई बार नोटिस दिए जाने के बाद भी वे भुगतान नहीं करते, इसे देखते हुए मध्य क्षेत्र विद्युत् वितरण कंपनी ने अपने कार्य क्षेत्र में बकाया बिल जमा नहीं करने के बदले लाइसेंस निरस्ती की कार्रवाई का प्लान बनाया, इस प्लान के आते ही हथियारों से प्रेम करने वाले बकायादारों ने बिल जमा कर दिए, अब कंपनी शासकीय विभागों में कार्यरत कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए वेतन से वसूली का अभियान शुरू कर रहा है।
10 हजार रुपये से ज्यादा बकाया वाले कर्मचारियों की बनी सूची
मध्य प्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने शस्त्र लाइसेंसधारी के बाद अब सरकारी विभागों में पदस्थ अधिकारियों कर्मचारियों से बकाया बिल वसूली अभियान तेज कर दिया है। इसके लिए कंपनी ने अलग-अलग विभागों में पदस्थ अधिकारी कर्मचारियों को चिन्हित किया है, जिन पर बिजली बिल के 10 हजार रुपये से अधिक बकाया हैं। इन सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों को 7 दिन के अंदर बिजली बिल बकाया भरना होगा। बिल जमा न होने की स्थिति में इन सभी बकायादार कर्मचारियों की सूची विभाग प्रमुख और कोषालय को भेजी जा रही है।
500 से ज्यादा कर्मचारी चिन्हित, इन पर एक करोड़ रुपये से अधिक बकाया
कंपनी ने कहा है कि बकाया बिजली बिल जमा नहीं करने पर इन बकायदारों को अगले महीने वेतन नहीं मिलेगा। बिजली कंपनी ने पहले चरण में विभिन्न सरकारी कार्यालयों में पदस्थ 500 से ज्यादा अधिकारी कर्मचारियों को टारगेट किया है, जिन पर बिजली कंपनी का एक करोड़ रुपए से अधिक बकाया है।
16 जिलों के कलेक्टर्स को पत्र लिखकर बनाई गई सूची
गौरतलब है कि बिजली कंपनी के प्रबंध संचालक क्षितिज सिंघल ने इस संबंध में कंपनी कार्यक्षेत्र के सभी 16 जिलों के कलेक्टरों को पत्र लिखकर शासकीय विभाग में कार्यरत सेवकों से राशि जमा करने का आग्रह किया था। इसके बाद कलेक्टरों ने भी जिले के सभी विभाग प्रमुखों को पत्र लिखकर इस बात की आवश्यकता बताई थी। पत्र में कहा था कि जिले के विभिन्न शासकीय विभाग में कार्यरत अनेक शासकीय सेवक, नियमित, संविदा, बाहय स्रोत आदि के द्वारा अपने बिजली बिल का नियमित भुगतान नहीं किया जाता है। ऐसे कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए बिजली कंपनी के प्रबंध संचालक ने पत्र लिखा था।
कई कर्मचारियों के ऊपर लाखों रुपए का बिल बकाया है
कलेक्टर ने पत्र के माध्यम से विभाग प्रमुखों को निर्देश दिए कि वह अपने-अपने कार्य क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारियों को वेतन मानदेय आदि भुगतान किया जाता है, उनके विरुद्ध बिजली बिल भुगतान समय पर नहीं करने पर उचित कार्रवाई करें। कंपनी ने कहा है कि इनमें से कई कर्मचारियों के ऊपर लाखों रुपए का बिल बकाया है।