भोपाल
विदिशा में एक तरबूज वाले की शिकायत पर गाज प्रधान आरक्षक पर पड़ी और फिर विदिशा एसपी ने उसे निलंबित भी कर दिया। लेकिन असल मामला सामने आने पर अब पता चल रहा है कि ये माामला विदिशा क्षेत्र में आता ही नहीं है।
मामला दसेक दिन पुराना है, दरअसल विदिशा से रायसेन जिले के उदयपुरा बोरास जा रहे तरबूजों की ख़रीदी करने एक लोडिंग वाहन को लॉक डाउन की वजह से गैरतगंज के गढ़ी के पास चैकपोस्ट पर प्रधान आरक्षक रामनारायण राय ने लोडिंग वाहन को रोककर पूछताछ की। इस पर वाहन के ड्राइवर ने सीधे विदिशा कलेक्टर डॉ पंकज जैन को फोन लगा दिया। ड्राइवर ने कलेक्टर साहब से कहा कि मैं विदिशा मंडी से बोरास तरबूज लेने जा रहा हूं मुझे लोडिंग गाड़ी सहित गढ़ी के पास चेक पोस्ट पर रोक दिया इतना सुनने के बाद कलेक्टर ने ड्राइवर से कहा कि प्रधान आरक्षक से बात कराएं, और फिर कलेक्टर ने प्रधान आरक्षक से पूछा कि फूड सामग्री लाने जाने के लिए क्या लोडिंग वाहन को रोकने के कोई आदेश है,आपको एसपी द्वारा कोई आदेश प्राप्त हुआ है क्या। इस पर प्रधान आरक्षक ने कहा कि पता नहीं सर, इतना सुनते ही कलेक्टर गुस्से में आ गए और उस प्रधान आरक्षक रामनारायण राय को कानून का पाठ पढ़ाने लगे फिर अपने नजदीक बैठे एसपी विनायक वर्मा को फोन पकड़ा दिया। एसपी ने प्रधान आरक्षक को ये कहते हुए कि आपको ऐसे समय में भी कानून की जानकारी नहीं है, यह बहुत शर्म की बात है एसपी साहब ने भी फोन पर ही प्रधान आरक्षक को सस्पेंड करने का फरमान सुना दिया। इसके बाद से ये ऑडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। विदिशा कलेक्टर और एसपी ने अपने अधूरे ज्ञान की वजह से दूसरे जिले के पुलिस अधिकारी को सस्पेंड करने के आदेश दे डाले जब की यह संभव ही नहीं था क्योंकि कलेक्टर और एसपी को पहले समझना था कि यह मामला उनके विदिशा जिले का है या फिर पड़ोसी जिले रायसेन का। सोशल मीडिया पर वायरल ऑडियो में कलेक्टर और एसपी द्वारा प्रधान आरक्षक को कानून का पाठ पढ़ाने और सस्पेंड करने की बात पर लोगों ने भी बगैर सोचे समझे सही या गलत ना देखते हुए कलेक्टर एसपी को अच्छा अधिकारी बताते हुए सैल्यूट करने की बात कही लेकिन जब हकीकत सामने आई तो वही लोग चुपचाप नजर आ रहे हैं।
असल माजरा कुछ और सामने आया है, दरअसल जिस नाके पर ये सारी नोंकझोक हुई वो विदिशा के क्षेत्राधिकार में आता ही नहीं वो नाका रायसेन जिले के गैरतगंज थाना क्षेत्र की गढ़ी पुलिस चौकी का था और फोन पर बात विदिशा कलेक्टर और एसपी से हुई थी। प्रधान आरक्षक को कानून की जानकारी न होने का पाठ पढ़ाने वाले कलेक्टर और एसपी भी ये नहीं जान पाए कि मामला उनके क्षेत्र के अधीन आता ही नहीं है। ये सारा मामला बाद में प्रधान आरक्षक रामनारायण ने रायसेन एसपी को बताया। इस पूरे मामले की सही जानकारी के बाद रायसेन एसपी मोनिका शुक्ला का कहना है कि उनके इलाके में किसी प्रधान आरक्षक को सस्पेंड नहीं किया गया है और न ही उन्हें किसी की भी तरफ से कोई शिकायत मिली है। इस पूरे मामले की जब सही जानकारी लोगों को लगी तो लोगों ने सोशल मीडिया पर विदिशा कलेक्टर और एसपी को जमकर ट्रॉल किया।