भोपाल। भाजपा शासन काल में सरकारी अनुदान लेकर फलफूल रहे एनजीओ पर कांग्रेस सरकार शिकंजा कसने जा रही है। एनजीओ को कितना अनुदान मिलता है और लोगों के लिए क्या काम किया। इसका पूरा ब्यौरा सार्वजनिक किया जाएगा। सरकार ने इसकी पूरी तैयारी कर ली है। वित्त विभाग ने सभी विभाग प्रमुखों को निर्देश भेजकर एनजीओ को अनुदान देने की जानकारी मांगी है। जल्द ही एनजीओ की सूची जारी हो जाएगी।
खजाने की स्थिति जांचने के अलावा पूर्ववर्ती सरकार में खर्च की गई राशि की पड़ताल शुरू हो गई है। सूत्रों का कहना है कि पिछली सरकार में अनुदान के नाम पर बड़ी राशि एनजीओ को दी गई है। यह संस्थाएं नेताओं या उनके परिचितों की हैं, इसलिए सरकार ने पिछले 15 साल में जिन एनजीओ को अनुदान राशि दी गई है। उनका पूरा ब्योरा मांगा है। इसे लेकर वित्त विभाग ने 23 अक्टूबर को निर्देश जारी किए थे। सभी विभागों में 15 दिन में जानकारी देना थी, लेकिन जब विभागों ने समयसीमा में जानकारी नहीं दी, तो अवधि 15 दिन और बढ़ा दी गई। फिर भी विभाग जानकारी नहीं दे पाए। अब वित्त विभाग समीक्षा की तैयारी कर रहा है।
अनुदान का प्रयोजन बताना होगा
विभाग को अनुदान देने का प्रयोजन भी बताना होगा। वित्त विभाग ने एक फॉरमेट तैयार करके भेजा है। इसमें अनुदान की राशि, प्रयोजन, उपयोगिता प्रमाण पत्र, भौतिक उपलब्धि अनुश्रवण, समीक्षा और विभागीय कार्यप्रणाली की सभी तरह की जानकारी मांगी गई है। सूत्र बताते हैं कि सरकार को अनुदान में बड़ी गड़बड़ी की आशंका है, इसलिए एनजीओ का कच्चा चिठ्ठा खोला जा रहा है। सभी विभागों से जानकारी आने के बाद उसका वित्त विभाग के अफसर परीक्षण करेंगे और जहां गड़बड़ी मिलेगी। उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।