भोपाल। कानून तोडऩे वाला व्यक्ति चाहे किसी भी राजनीतिक दल का हो, वह कानून से ऊपर नहीं है। यदि उसने कानून तोड़ा है, तो उसे न्यायिक प्रक्रिया के दायरे में लाया ही जाना चाहिए। सिर्फ इसलिए किसी उपद्रवी व्यक्ति के ऊपर से मामले वापस ले लिए जाएं क्योंकि वह व्यक्ति कांग्रेस का सदस्य या समर्थक है, कमलनाथ सरकार की यह सोच समाज को अराजकता की ओर ले जाने वाली है। यह बात भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री व सांसद अजयप्रताप सिंह ने विधि एवं विधायी कार्य मंत्री पीसी शर्मा द्वारा दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया जताते हुए कही।
कांग्रेस सरकार के नवनियुक्त विधि एवं विधायी कार्य मंत्री पीसी शर्मा ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा है कि उनकी सरकार कांग्रेस कार्यकर्ताओं और कर्मचारियों पर दर्ज किए गए मामले वापस लेगी, क्योंकि ये मामले राजनीतिक हैं। मंत्री श्री शर्मा के इस बयान को अनुचित बताते हुए भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री अजयप्रताप सिंह ने कहा कि कांग्रेस अपराधियों और कानून तोडऩे वालों का समर्थन कर रही है। श्री सिंह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने प्रदेश में किसी भी व्यक्ति पर राजनीतिक द्वेषवश मामले नहीं लादे हैं। जिन लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं, उन्होंने विभिन्न आंदोलनों या घटनाओं के दौरान कानून को अपने हाथ में लेने का काम किया है। श्री सिंह ���े कहा कि अगर सरकार इन लोगों पर से मामले वापस लेती है, तो इससे कानून तोडऩे वालों के हौसले बुलंद होंगे। अजयप्रताप सिंह ने कहा कि विधि एवं विधायी कार्य मंत्री के बयान से यह स्पष्ट है कि कांग्रेस सरकार न्यायपालिका का न तो सम्मान करती है और न ही उसे इस संवैधानिक संस्था पर भरोसा है। उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस सरकार यह मानती है कि मामले राजनीतिक द्वेषवश दर्ज किए गए हैं, तो यह बात सुनवाई के दौरान साक्ष्यों के साथ अदालत में भी रखी जा सकती है। लेकिन वास्तव में सरकार को डर है कि अदालती प्रक्रिया के दौरान कानून तोडऩे वाले उन कांग्रेस कार्यकर्ताओं की सच्चाई सामने आ जाएगी और फिर उन्हें बचाना मुश्किल होगा। इसीलिए मामले वापस लेने की बात कही जा रही है।