अब ये क्या बोल गए उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, आखिर कब लगेगी माननीयों की ज़बान पर लगाम, कांग्रेस ने किया पलटवार

जगदीश देवड़ा के बयान का बचाव करते हुए भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने कहा, जैसी नजर होती है वैसा ही नजरिया होता है, उन्होंने कहा कि सेना ने जो शौर्य दिखाया उसके लिए पूरा देश उसके प्रति नतमस्तक है, यही देवड़ा जी ने कहा लेकिन कांग्रेस इसे तोड़ मरोड़कर पेश कर रही है भाजपा का हर कार्यकर्ता सेना और सैनिकों के प्रति नतमस्तक है।

MP News: पहलगाम हमले के बाद भारत की सेनाओं द्वारा ऑपरेशन सिंदूर चलाकर पाकिस्तान को दिए करारे जवाब के बाद देश सेना और सेना के जवानों के शौर्य का गुणगान कर रहा है लेकिन हमारे राजनेता अपनी सियासत चमकाने के लिए अमर्यादित टिप्पणी कर रहे हैं मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह द्वारा कर्नल सोफिया कुर्रेशी के लिए की गई अशोभनीय टिप्पणी के बाद उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने भी सेना के लिए अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया है।

मध्य प्रदेश के उप मुख्यमंत्री जबलपुर में एक कार्यक्रम में आज शामिल हुए उन्होंने पहलगाम की घटना का जिक्र करते हुए कहा कि धर्म पूछ कर जिस तरह हमारे पर्यटकों को गोली मारी गई उस दिन से दिमाग में बहुत तनाव था, मन में था कि जब तक इन आतंकवादियों को नेस्तनाबूत नहीं कर देंगे तब तक चैन नहीं आयेगा।

नंबर बढ़ाने ये क्या बोल गए जगदीश देवड़ा  

यहाँ तक तो सब ठीक था लेकिन इसके बाद जगदीश देवड़ा ने सेना के लिए अमर्यादित शब्दों का इस्तेमाल किया, उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर में सैनिकों के शौर्य और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार की नीतियों की तारीफ की, फिर कहा प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद देना चाहेंगे, पूरा देश, देश की वो सेना, वो सैनिक उनके चरणों में नतमस्तक है, जो जवाब दिया है उसकी जितनी सराहना की जाए कम है ।

देश की सेना का अपमान, नहीं सहेगा हिंदुस्तान

जगदीश देवड़ा के बयान के बाद सियासी तूफ़ान आया गया , कांग्रेस ने इसपर पलटवार किया, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने X पर लिखा   मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह के बाद उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा  ने कहा पूरा देश, देश की सेना, सैनिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चरणों में नतमस्तक है। भाजपा की सेना के प्रति जो सोच है वो सामने आ रही है । उन्होंने लिखा देश की सेना का अपमान हिंदुस्तान सहेगा नहीं।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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