भोपाल, डेस्क रिपोर्ट
मध्यप्रदेश में बीजेपी के सत्ता (BJP Government) में आने के बाद शुरूआत में शिवराज सिंह चौहान (shivraj singh chauhan) ने अकेले ही सारी कमान संभाली। मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर तमाम रस्साकशी के बीच पहले पांच मंत्री बनाए गए, फिर लंबे इंतजार के बाद मंत्रिमंडल विस्तार हुआ और विभागों के बंटवारे हुए। अब विभागों के बंटवारे के बाद फिर एक अरसा बीत गया है लेकिन अब तक मंत्रियों को जिलों का प्रभार नहीं मिल पाया है। माना जा रहा है कि इस बार भी पेंच सिंधिया खेमे को लेकर ही फंसा हुआ है।
मंत्रिमंडल विस्तार (Cabinet Expansion) और विभागों के बंटवारे (Portfolio Distribution) की तरह मंत्रियों को जिले के प्रभार (District Charge) के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। विभाग वितरण के करीब एक महीने के बाद भी मंत्रियों को जिलों का प्रभार नहीं मिल पाया है। सूत्रों का कहना है कि अगस्त के तीसरे सप्ताह में मंत्रियों को जिलों का प्रभार दिये जा सकते हैं।
सूत्रों का कहना है कि विभागों की तरह सिंधिया समर्थक मंत्री (Scindia Supporter Ministers) अपनी पसंद के जिलों का प्रभार भी चाहते हैं। वह चाहते हैं कि उन्हें बड़े जिलों का प्रभार दिया जाए। उन्होंने राज्यसभा सांसद ज्योतिराज सिंधिया (Rajyasabha MP Jyotiraditya Scindia) से उन्हें उनकी पसंद के जिले का प्रभार दिलाए जाने की गुहार लगाई है। जिन जिलों पर सिंधिया समर्थकों की नजर है, शिवराज की कुछ करीबी मंत्री भी उन्हें जिलों का प्रभार चाहते हैं। यही वजह है कि मंत्रियों को जिलों का प्रभार देने में देरी आ रही है।
पिछले महीने की 13 तारीख को मंत्रियों को विभागों के बंटवारे के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) ने जल्द ही उन्हें जिलों का प्रभार दिए जाने की बात कही थी। सूत्रों की मानें तो मंत्रियों के प्रभार के जिलों को लेकर सीएम मंथन कर चुके हैं। जल्द ही सीएम मंत्रियों को उनके जिलों की जिम्मेदारी सौंप देंगे। 14 अगस्त तक मंत्रियों के दौरों पर रोक लगाई गई थी और स्वतंत्रता दिवस के बाद मंत्री अपने प्रभार वाले जिलों में दौरे कर सकेंगे। इसलिए संभावना है कि जल्द ही मंत्रियों को जिले का प्रभार सौंपा जाएगा।
सीएम ने विभागों के बंटवारे के बाद कहा था कि कुछ मंत्रियों को एक और कुछ को दो-दो जिलों का प्रभार दिया जाएगा। इसके बाद मुख्यमंत्री ने मंत्रियों से वन टू वन चर्चा के दौरान उनके प्रभार के पसंदीदा जिलों के बारे में चर्चा भी की थी। लेकिन इसके बाद सीएम शिवराज कोरोना संक्रमित होकर अस्पताल में भर्ती हो गए, जिससे मंत्रियों को जिले का प्रभार दिया जाना अटक गया। अब जब मुख्यमंत्री ठीक होकर लौट चुके हैं और कामकाज भी शुरू कर दिया है तो अगले कुछ दिनों में कभी भी मंत्रियों को जिलों का प्रभार दिया जा सकता है।