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Sun, Dec 7, 2025

NHM के कर्मचारी,नर्सिंग कॉलेजों में फेकल्टी! NSUI ने की निलंबन और एफआईआर की मांग, मिशन संचालक से शिकायत

Written by:Atul Saxena
रवि परमार ने कहा कि नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़े का पर्याय बन चुके हैं, अब सरकारी कर्मचारियों को फेकल्टी दिखाकर फर्जी तरीके से मान्यता दिए जाने का खेल चल रहा है यदि NHM ने कोई एक्शन नहीं लिया तो NSUI न्यायालय में सबूतों से साथ जाएगी ।
NHM के कर्मचारी,नर्सिंग कॉलेजों में फेकल्टी! NSUI ने की निलंबन और एफआईआर की मांग, मिशन संचालक से शिकायत

फर्जीवाड़े का पर्याय बन चुके मध्य प्रदेश के नर्सिंग कॉलेजों में अब एक नया फर्जीवाड़ा सामने आया है, NSUI ने आरोप लगाया हैं कि नेशनल हेल्थ मिशन (NHM) के कई कर्मचारियों को प्राइवेट कॉलेजों ने अपने यहाँ फेकल्टी दर्शाया है जबकि वे अपने मूल पद पर कार्यरत है। एनएसयूआई ने फर्जीवाड़े को लेकर मिशन कार्यालय पर प्रदर्शन किया और मिशन संचालक को एक शिकायती पत्र सौंपकर दोषियों पर निलंबन और एफआईआर की मांग की है।

भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (NSUI) ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के कार्यालय पर प्रदर्शन किया और मिशन संचालक को एक गंभीर शिकायत सौंपी, शिकायत में एन‌एसयूआई प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार ने आरोप लगाया है कि प्रदेश के कई निजी नर्सिंग कॉलेजों में CHO (Community Health Officer) एवं NHM के अन्य नियमित कर्मचारी कागज़ों पर फैकल्टी के रूप में दर्शाए जा रहे हैं , जबकि वे वास्तव में अपने मूल पदों पर कार्यरत हैं।

शासकीय सेवा आचरण नियमों के तहत दंडनीय अपराध

प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार ने कहा कि यह मामला न केवल मध्य प्रदेश नर्सिंग काउंसिल के मान्यता नियमों का उल्लंघन है, बल्कि शासकीय सेवा आचरण नियमों के तहत दंडनीय अपराध भी है, छात्र नेता ने बताया कि सरकारी वेतन प्राप्त करने वाले कर्मचारी दो जगह कार्य कर रहे हैं, एक तरफ वे NHM के अधीन सेवा में हैं, वहीं दूसरी ओर नर्सिंग कॉलेजों में फैकल्टी दिखाकर कॉलेज संचालकों को फर्जी मान्यता दिलवा रहे हैं।

NSUI की प्रमुख मांगें 

  • ऐसे सभी CHO और NHM कर्मचारियों की तत्काल जांच की जाए जिनके नाम नर्सिंग कॉलेजों की फैकल्टी सूची में दर्ज हैं।
  • जिन कर्मचारियों के नाम दो जगह पाए जाएं, उनके विरुद्ध तत्काल निलंबन एवं कानूनी कार्यवाही की जाए।
  • ऐसे कर्मचारियों द्वारा प्राप्त वेतन एवं मानदेय की राशि की वसूली की जाए।
  • सभी जिलों के CMHO को निर्देशित किया जाए कि वे अपने-अपने जिले के NHM/CHO कर्मचारियों की सूची का मिलान नर्सिंग काउंसिल में जमा कराई गई फैकल्टी सूची से करें।

NSUI ने बताया संगठित फर्जीवाड़ा 

एनएसयूआई जिला अध्यक्ष अक्षय तोमर ने कहा कि “यह एक संगठित फर्जीवाड़ा है जिसमें सरकारी पदों पर बैठे लोग और निजी कॉलेज संचालक मिलकर नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। इससे न केवल नर्सिंग शिक्षा की गुणवत्ता पर असर पड़ा है बल्कि सरकारी धन का भी दुरुपयोग हुआ है।” उन्होंने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई, तो एनएसयूआई इस पूरे मामले को माननीय न्यायालय और सीबीआई तक ले जाएगी तथा दस्तावेज़ों सहित जांच की मांग करेगी।

नर्सिंग शिक्षा व्यवस्था, प्रशासनिक पारदर्शिता दोनों खतरे में

अक्षय तोमर ने कहा कि इस प्रकार की दोहरी नियुक्ति और फर्जी फैकल्टी की प्रवृत्ति से प्रदेश की नर्सिंग शिक्षा व्यवस्था और प्रशासनिक पारदर्शिता दोनों खतरे में हैं। ऐसे में शासन को तत्काल सख्त कदम उठाने होंगे ताकि भविष्य में कोई भी अधिकारी या कर्मचारी इस प्रकार के फर्जीवाड़े की हिम्मत न करे।