‘गांधी गोडसे एक युद्ध’ फिल्म को लेकर NSUI का विरोध प्रदर्शन, कहा ‘नहीं होने देंगे स्क्रीनिंग’

Shruty Kushwaha
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NSUI protest : एनएसयूआई ने ‘गांधी गोडसे एक युद्ध’ फिल्म का विरोध करते हुए इसके डायरेक्टर का राजकुमार संतोषी का पुतला जलाया। भोपाल में इन्होने फिल्म के खिलाफ नारेबाजी की और कहा कि किसी भी सिनेमा हॉल में इस फिल्म का स्क्रीनिंग नहीं होने देंगे। इस फिल्म का ट्रेलर रिलीज होने के बाद से ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं में नाराजगी है। इससे पहले शुक्रवार को भी राजधानी में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रोड्यूसर राजकुमार संतोषी का पुतला फूंका था। इस दौरान उन्होने चेतावनी दी थी कि भोपाल में किसी भी सूरत में फिल्म को रिलीज नहीं होने दिया जाएगा। कांग्रेस के सीनियर विधायक पीसी शर्मा भी इस फिल्म का विरोध कर चुके हैं ।

मध्य प्रदेश में राजकुमार संतोषी की अपकमिंग फिल्म “गांधी गोडसे एक युद्ध” का विरोध तेज हो गया है। कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई भी इस फिल्म के विरोध में सड़कों पर उतर आई है। एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने सोमवार को राजधानी भोपाल में फिल्म के डायरेक्टर राजकुमार संतोषी का पुतला फूंककर विरोध प्रदर्शन किया। एनएसयूआई के दर्जनों कार्यकर्ता सोमवार को लक्की चौबे के नेतृत्व में पीसीसी मुख्यालय के पास इकट्ठा हुए और उन्होंने पुतला जला कर नारेबाजी की। इसी के साथ सेंसर बोर्ड से मांग की है कि इस फिल्म को तत्काल प्रतिबंधित किया जाए। साथ ही डायरेक्ट राजकुमार संतोषी को चेतावनी देते हुए कहा कि मध्य प्रदेश के किसी भी सिनेमाघरों में हम इस फिल्म का स्क्रीनिंग नहीं होने देंगे। यदि फिल्म को लगाया जाता है तो सभी सिनेमाघरों में एनएसयूआई कार्यकर्ता जाकर “रामधुन गाएंगे”।

लक्की चौबे ने आरोप लगाया कि गांधी-गोडसे एक युद्ध जो फ़िल्म देश की एकता में फूट डालने का काम करेगी। उन्होने कहा कि ये बड़ी चिंताजनक बात है कि सेंसर बोर्ड ने इस फिल्म को पास कर दिया। इसमें राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का अपमान किया गया है। महात्मा गांधी से हत्यारे नाथूराम गोडसे की तुलना की गई है। देश ये कभी बर्दास्त नहीं करेगा। गोडसे के राजनीतिक वंशज बापू के हत्यारे की महिमा मंडन करने की कुटिल नीति पर काम कर रहे हैं। उन्होने मांग की कि इस फ़िल्म पर सेंसर बोर्ड को तत्काल प्रभाव से एक्शन लेने चाहिए और इस पर रोक लगानी चाहिए। लक्की चौबे ने आगे कहा कि ‘फिल्म का ट्रेलर देखने से लगता है ये सोची-समझी साजिश के तहत बनाई गई है। इस फिल्म में मुस्लिम समाज और गांधीजी के बारे में आपत्तिजनक दृश्य व संवाद दिखाए गए हैं। फिल्म में मनगढ़ंत बातें भी बताई गई हैं। ये फिल्म देश को बांटने का काम करेगी।’ इस अवसर पर राजवीर सिंह, भव्य सक्सेना, देवेन्द्र सोनारे, जीतू विश्वकर्मा, राज जायसवाल, जीशान खान, यमिर खान, सुनील प्रजापति, अभिषेक सिंह, विजय साहू और सभी कार्यकर्ता उपस्थित थे।

 


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Shruty Kushwaha

Shruty Kushwaha

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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