OBC आरक्षण पर कमलनाथ ने सरकार से की माँग ‘सुप्रीम कोर्ट में ईमानदारी से रखें पक्ष’

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार की मंशा पर स्पष्ट सवाल उठते हैं क्योंकि 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण पर न तो सुप्रीम कोर्ट ने और न ही हाईकोर्ट ने अब तक कोई रोक लगायी थी। उन्होंने कहा कि सरकारों ने षडयंत्र और बेईमानी नहीं की होती तो 2019 में मेरी सरकार के समय लागू किया गया आरक्षण का लाभ अब तक लाखों ओबीसी अभ्यर्थियों को मिल चुका होता।

OBC Reservation : पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्य सरकार से माँग की है कि सुप्रीम कोर्ट में OBC वर्ग का पक्ष ईमानदारी और संवैधानिक मूल्यों के आधार पर रखें। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार ने पिछले पाँच सालों से ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण से वंचित किया है, जबकि इस पर सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट की ओर से कोई रोक नहीं लगाई गई थी।

बता दें कि दो दिन पहले कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भी सरकार से ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर सवाल किए थे। उन्होंने कहा कि तत्कालीन कमलनाथ सरकार ने ओबीसी आरक्षण लागू कर दिया था लेकिन उनके बाद आई बीजेपी सरकार की मंशा इसके अनुरूप नहीं है इसलिए वो पीछे के रास्ते से आरक्षण रोकते हैं।

कमलनाथ ने की सरकार से माँग 

कमलनाथ ने आज सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर आरक्षण के मुद्दे को उठाते हुए लिखा है कि ‘प्रदेश में OBC आरक्षण से जुड़ी 52 याचिकाएं अब हाई कोर्ट से सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुँच गई हैं। मैं मध्य प्रदेश सरकार से माँग करता हूँ कि सुप्रीम कोर्ट में OBC वर्ग का पक्ष ईमानदारी और संवैधानिक मूल्यों के आधार पर रखें। अगर मध्य प्रदेश की भाजपा सरकारों ने OBC के साथ षडयंत्र और बेईमानी नहीं की होती तो 2019 में मेरी सरकार के समय लागू किया गया 27 प्रतिशत OBC आरक्षण का लाभ अब तक लाखों OBC अभ्यर्थियों को मिल चुका होता। मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार की मंशा पर इसलिए बहुत स्पष्ट सवाल उठते हैं क्योंकि 27 प्रतिशत OBC आरक्षण पर न तो सुप्रीम कोर्ट ने और न ही हाईकोर्ट ने अब तक कोई रोक लगायी थी।’

लगाए ये आरोप

मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि ‘सरकार ने अपनी तरफ़ से ही मनमाने ढंग से पिछले पाँच वर्ष से OBC को 27% आरक्षण से वंचित किया है। सरकार के वक़ील ने हाई कोर्ट को अपनी तरफ़ से यह सुझाव दिया था कि 13 प्रतिशत OBC के लिए आरक्षित पद होल्ड पर रख लिए जाएं और 14 प्रतिशत के हिसाब से आरक्षण दिया जाए। इससे भी स्पष्ट होता है कि भाजपा सरकार ने ख़ुद ही आरक्षण होल्ड करने का सुझाव दिया था। भाजपा सरकार ने ही असंवैधानिक रूप से इस क़ानून द्वारा दिए गए 27 प्रतिशत OBC आरक्षण को रोक रखा है। इसलिए सभी को बहुत सतर्क रहना चाहिए और इस बात पर नज़र रखनी चाहिए कि भाजपा सरकार सुप्रीम कोर्ट में OBC के हितों के साथ एक बार फिर से अन्याय न कर दे।’


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Shruty Kushwaha

Shruty Kushwaha

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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