₹10 के फेर में फंसे अधिकारी, लगा 10 हज़ार का जुर्माना, राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने की कार्रवाई

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। RTI में जानकारी लेने के लिए 10 की फ़ीस नॉन जुडिशल स्टांप में लेने से मना करने वाले अधिकारी के उपर मप्र राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने ₹10000 का जुर्माना लगाया है। सिंह ने मध्य प्रदेश गृह निर्माण मंडल के कार्यपालन यंत्री, केएल अहिरवार को ₹10000 का व्यक्तिगत जुर्माना मध्य प्रदेश राज्य सूचना आयोग में अगले 30 दिन में जमा करने के आदेश जारी किए है।

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म प्र राज्य सूचना आयोग में यह फैसला एक शिकायत प्रकरण के निराकरण करते हुए सुनाया है। आयोग में  सतना के राजीव कुमार खरे ने शिकायत दर्ज कराई कि  कार्यपालन यंत्री मध्य प्रदेश गृह निर्माण मंडल संभाग सतना ने उनके आरटीआई आवेदन को सिर्फ इसलिए  खारिज कर दिया क्योंकि उन्होंने आरटीआई की निर्धारित फीस ₹10 नॉन जुडिशल स्टांप के जरिए दी थी। अहिरवार ने जानकारी नहीं दी और आवेदक को कहा कि RTI की फ़ीस सिर्फ नगद भुगतान से ही कार्यालय में स्वीकार किया जाएगा। राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने अपने आदेश में यह स्पष्ट किया कि आरटीआई की फ़ीस कोई भी आवेदक पोस्टल आर्डर, डिमांड ड्राफ्ट, नॉन जुडिशल स्टांप या ऑनलाइन चालान के माध्यम से जमा की जा सकती है। राहुल सिंह ने अपने आदेश मे कहा इस प्रकरण में जब एक बार आरटीआई आवेदक ₹10 खर्च कर नॉन जुडिशल स्टांप से फीस जमा कर चुका है तो उसके द्वारा किए गए खर्च को नजरअंदाज करके कैश में फ़ीस मांगना गैर वाजिब है। सिंह ने ये भी कहा कि RTI फीस एक ही माध्यम विशेष से जमा करने के लिए दवाब  बनाकर आरटीआई आवेदन को ही निरस्त कर देना गलत है। कोई भी नागरिक अपनी सहूलियत से फ़ीस जमा करने के लिए स्वतंत्र है।


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Harpreet Kaur