भोपाल| कार्यकाल पूरा कर चुके नगरीय निकायों में अब प्रशासकीय समिति के गठन को राज्यपाल की मंजूरी मिल गई है| कानून में संशोधन के लिए अध्यादेश जारी कर दिया गया है| जिसके तहत निकायों की जिम्मेदारी प्रशासकीय समितियों के पास होगी| इन समितियों में नगरीय निकाय की महापौर, नगर निगम अध्यक्ष पार्षद, नगर पालिका, नगर पंचायत, नगर परिषद अध्यक्ष के हाथों में कमान रहेगी|
दरअसल, प्रदेश के विभिन्न जिलों के 297 निकायों का कार्यकाल इस वर्ष समाप्त हो चुका है| लेकिन लॉकडाउन की वजह से राज्य सरकार इन निकायों का चुनाव नहीं आयोजित करा सकी| अब सरकार ने मध्य प्रदेश नगर पालिका विधि संसोधन विधयेक लाकर प्रशासकीय समिति को नगरीय निकाय संचालित करने के अधिकार दे दिए हैं|
कांग्रेस ने किया विरोध
नगरीय निकाय के कार्यकाल बढ़ाने के लिए प्रशासकीय समिति के गठन पर कांग्रेस ने आपत्ति जताई है| कांग्रेस नेता सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि वो इस फैसले का विरोध करेंगे और हाईकोर्ट में चुनौती देंगे क्योंकि 1वर्ष तक निकायों का कार्यकाल बढ़ाना असंवैधानिक है| उन्होंने इस मुद्दे पर राज्यपाल से हस्तक्षेप करने की मांग करते हुए कहा कि यह संविधान के अनुच्छेद 243-A का भी उल्लंघन है| उन्होंने कहा कि आर्टिकल 243 में यह साफ लिखा है कि नगरीय निकायों का कार्यकाल 5 साल से ज़्यादा नहीं हो सकता है, साथ ही मध्य प्रदेश नगर पालिका अधिनियम की धारा 20 में भी उल्लेखित किया गया है की निकायों का कार्यकाल 5 वर्ष का ही हो सकता है|