माधव राष्ट्रीय उद्यान “टाइगर रिजर्व” में 10 मार्च को छोड़ा जायेगा बाघ का जोड़ा, सीएम डॉ मोहन यादव ने जताई ख़ुशी

दो बाघ छोड़े जाने के बाद माधव टाइगर रिजर्व शिवपुरी में कुल बाघों की संख्या सात हो जाएगी, जिसमें पांच वयस्क बाघ (दो नर एवं तीन मादा) एवं दो शावक होंगे।

Madhav National Park “Tiger Reserve” : मध्य प्रदेश का 9वां टाइगर रिजर्व बनने जा रहे शिवपुरी जिले के माधव नेशनल पार्क में 10 मार्च को बाघ का जोड़ा छोड़ा जायेगा, इसमें एक नर और एक मादा बाघ होगा,  NCTA ने इसकी मंजूरी दे दी है, सीएम डॉ मोहन यादव ने इसकी जानकारी X पर साझा की है।

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने X पर लिखा- देश के टाइगर स्टेट ‘मध्यप्रदेश’ के लिए अत्यंत प्रसन्नता का विषय है कि माधव राष्ट्रीय उद्यान को टाइगर रिजर्व घोषित किया जा रहा है, जिससे निश्चित ही संपूर्ण क्षेत्र में पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा।

10 मार्च को माधव नेशनल पार्क में छोड़ा जायेगा एक नर और एक मादा बाघ 

एनटीसीए भारत सरकार द्वारा दो अतिरिक्त बाघ जिसमें एक नर एवं एक मादा बाघ लाने की स्वीकृति दी गई है, जो 10 मार्च, 2025 को माधव टाइगर रिजर्व में छोड़े जाएंगे। इस प्रकार माधव टाइगर रिजर्व के कुल बाघों की संख्या सात हो जाएगी, जिसमें पांच वयस्क बाघ (दो नर एवं तीन मादा) एवं दो शावक होंगे। सीएम ने लिखा-  पन्ना टाइगर रिजर्व और रणथंभौर टाइगर रिजर्व के बीच में स्थित माधव टाइगर रिजर्व बनाए जाने से सम्पूर्ण क्षेत्र में वन्यजीव एवं बाघों का संरक्षण प्रभावी ढंग से हो सकेगा।

सबसे ज्यादा टाइगर मध्य प्रदेश में 

इससे पहले बुधवार को मीडिया को जारी संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा था कि देश में सबसे ज्यादा टाइगर मध्य प्रदेश में हैं, जिन्हें देखने के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक मध्य प्रदेश आते हैं। बाघ संरक्षित क्षेत्र में जंगल सफारी का आनंद लेने के लिए सभी नेशनल पार्कों में सीजन भर पर्यटकों का आना जाना रहता है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में बाघों की संख्या और उनके संरक्षण से प्राप्त उपलब्धियों पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए वन विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों सहित प्रदेशवासियों को बधाई दी है ।

सीएम डॉ यादव खुद छोड़ेंगे टाइगर का जोड़ा 

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि वे स्वयं बाघों का एक जोड़ा माधव नेशनल पार्क में छोड़ेंगे। प्रसन्नता जताते हुए चंबल रेंज में पर्यटकों की संख्या में वृद्धि से स्थानीय युवाओं को रोजगार-स्वरोजगार के अवसर मिलेंगे। एशिया में पहली बार चीते भी चंबल के कूनो नेशनल पार्क में दिखाई दे रहे हैं। चंबल नदी क्षेत्र में घड़ियाल एवं डॉल्फिन प्रोजेक्ट पर भी कार्य चल रहा है।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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