भोपाल। स्वाइन फ्लू ने पूरे प्रदेश में आतंक मचा रखा है| भोपाल में 2019 की शुरूआती महीने जनवरी से 31 मार्च तक स्वाइन फ्लू से 19 मरीजों की मौत हो गई है| स्वाइन फ्लू से मरने वाले लोगों में एक चौकाने वाली बात भी सामने आई है| स्वाइन फ्लू से हुई 19 मौतों में से 13 मौत उन मरीजों की हुई हैं जिन्हे स्वाइन फ्लू के अलावा अन्य गंभीर बीमारियां भी थी| मृत मरीजों में हाइपरटेंशन, किडनी की सम्स्या, डायबिटीज, अस्थमा और हार्ट की बीमारियां पाई गई| जिसकी वजह से मरीजों में बीमारी से लड़ने की क्षमता पहले ही कम थी और इस कारण वो स्वाइन फ्लू का संक्रमण तेजी से उनमें फैला और उन्हें नहीं बचाया जा सका|
इंटीग्रेटेड डिसीज सर्विलांस प्रोग्राम यानि आईडीएसपी भोपाल की रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी से मार्च के बीच 164 मरीजों में स्वाइन फ्लू पाया गया| इनमें 54 मरीज हाई रिस्क कैटेगिरी वाले थे| इसके अलावा 7 साल से कम उम्र के 26 बच्चे थे| हैरानी की बात यह है कि स्वाइन फ्लू से मरने वालों में ज्यादातर मरीज युवा वर्ग से थे| 19 में से 10 मरीजों की उम्र 40 से 47 साल के बीच है।
इस तरह के मरीज वैक्सीन जरूर लगवाएं
मल्टी बीमारी वाले हाई रिस्क मरीजों को सावधानी के तौर पर वैक्सीन जरूर लगवाना चाहिए| अगर इस तरह के मरीजों को हल्की परेशानी भी हो तो उन्हे इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए| क्योंकि हाई रिस्क वाले मरीजो में वायरस ही नहीं बैक्टीरिया से होना वाला निमोनिया भी तेजी से होता है| जिस कारण इलाज में थोड़ी भी देरी होने पर ऐसे मरीजों की हालत बिगड़ जाती है और यही कारण है कि स्वाइन फ्लू से होने वाली मौतों में हाई रिस्क मरीज ज्यादा हैं।