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Fri, Dec 19, 2025

ओरछा में गूंजा आज़ादी का जज़्बा, बाल आज़ाद’ प्रतियोगिता में नजर आई बच्चों की देशभक्ति”

Written by:Sushma Bhardwaj
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बाल आजाद प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागी सिद्दार्थ जांगिड़ ने सबका दिल जीत लिया, सिद्दार्थ की वेशभूषा देखकर दर्शक खुद को तालियाँ बजाने से रोक नहीं पाए।
ओरछा में गूंजा आज़ादी का जज़्बा, बाल आज़ाद’ प्रतियोगिता में नजर आई बच्चों की देशभक्ति”

निवाड़ी जिले की ओरछा तहसील का ऐतिहासिक सातार तट देशभक्ति के रंग में रंगा हुआ नजर आया। इस आयोजन ने एक बार फिर साबित कर दिया कि आज़ाद की विरासत आज भी नई पीढ़ी के दिलों में जिंदा है। अमर शहीद चंद्रशेखर आज़ाद की जयंती के मौके पर आयोजित भव्य कार्यक्रम में बच्चों ने ‘बाल आज़ाद’ प्रतियोगिता, चित्रकला, कविताओं और प्रेरक संगोष्ठी के जरिए वीरता को नमन किया।

देशभक्ति के रंग में रंगा 

कार्यक्रम की शुरुआत चंद्रशेखर आज़ाद की प्रतिमा और आज़ाद कुटी पर माल्यार्पण से हुई। इसके बाद राष्ट्रगीत “वंदे मातरम” की गूंज ने पूरे वातावरण को देशभक्ति के रंग में रंग दिया। मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति अनिल वर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि आज के बच्चों में आज़ाद की तरह साहस और देशप्रेम जगाना हम सबकी जिम्मेदारी है।

देशभक्ति केवल शब्द नहीं, यह कर्म में दिखाई देनी चाहिए-कलेक्टर लोकेश जांगिड

कलेक्टर लोकेश जांगिड ने अपने प्रेरक भाषण में कहा कि देशभक्ति केवल शब्द नहीं, यह कर्म में दिखाई देनी चाहिए। ओरछा पब्लिक स्कूल की छात्राओं वृष्टि राय और चित्रांशी लहरिया ने राष्ट्रगीत प्रस्तुत किया। राष्ट्रगान में वंशिका जैन, संयोगिता नामदेव, अक़सरा खान और वीनस यादव ने भाग लिया। इसके बाद एक पेड़ भारत माँ के नाम’ अभियान के तहत अतिथियों ने पौधारोपण किया। बाल आज़ाद प्रतियोगिता में सिद्धार्थ जांगिड, मृदुल, विराट सिंह चौहान, साकेत पटेरिया, हिमांशु केवट विजयी रहे। वहीं चित्रकला प्रतियोगिता में यश राज जैन, शिवांश, मन्नत गुप्ता, पिंकी केवट, रितिका सोनी, खुशबू अहीरवार ने बाजी मारी।

स्मृति चिन्ह और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया 

सभी विजेताओं को स्मृति चिन्ह और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन सुमित सिंह और अनुभवी शर्मा ने किया, जबकि आभार प्रदर्शन सोनू कड़ा ने किया। इस दौरान समिति अध्यक्ष अजय नामदेव, पार्षद सोनू कड़ा और कई गणमान्यजन कार्यक्रम में उपस्थित रहे। कवि सुमित ओरछा ने स्वागत भाषण में बच्चों को इस ऐतिहासिक स्थान से प्रेरणा लेने का आह्वान किया।