प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संकल्प है कि देश एक हर बेघर के सिर पर छत होगी, हर गरीब का अपने घर का सपना पूरा होगा, और उसे वो प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी/ग्रामीण) के माध्यम से पूरा कर रहे हैं, मध्य प्रदेश में भी अभी तक लाखों बेघर लोगों को छत मिल चुकी है, इस बार गणेश चतुर्थी पर भी 10 हजार लोगों का अपने घर का सपना साकार हुआ है
मध्य प्रदेश शासन द्वारा दी जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी में इस वर्ष गणेश चतुर्थी पर करीब 10 हजार हितग्राहियों का अपने घर का सपना पूरा हुआ है। हितग्राहियों के लिये यह अवसर न केवल आवास प्राप्त करने की खुशी का प्रतीक रहा, बल्कि हितग्राहियों के जीवन में आत्म-विश्वास, सुरक्षा और सम्मान की नई किरण लेकर आया है। गणेश चतुर्थी के मौके पर इन हितग्राहियों ने नये आवास में गृह-प्रवेश कर जीवन के नये अध्याय की शुरूआत की है।
शुभ मुहूर्त में अपने घर में किया प्रवेश
नगरीय विकास एवं आवास विभाग की प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के एएचपी घटक के अंतर्गत इंदौर, गुना, डिण्डोरी, भोपाल, मण्डला, मुरैना, राघौगढ़, विजयपुर, रामपुरबघेलान, सारनी, सतना, शिवपुरी, खरगौन, कटनी सहित अन्य जगहों पर 717 हितग्राहियों ने इस शुभ मुहूर्त पर अपने सपनों के घर में कदम रखा। वहीं बीएलसी घटक के अंतर्गत भी प्रदेशभर के लगभग 9 हजार परिवारों ने अपने स्वयं के बनाये पक्के घर में प्रवेश किया।
पक्के घर ने हितग्राहियों में बढ़ाया आत्म-विश्वास
प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी ने प्रदेश के लाखों आवासहीन परिवारों को अपने घर का सपना साकार करने का अवसर प्रदान किया है। पक्का घर मिलने से हितग्राहियों में आत्म-विश्वास बढ़ा है और वे नये उत्साह एवं उमंग के साथ जीवन में आगे बढ़ रहे हैं। योजना के अंतर्गत आवास निर्माण की प्रक्रिया निरंतर गतिशील है। प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी 2.0 के प्रति जनता में गहरी रुचि और उत्साह देखने को मिल रहा है। बड़ी संख्या में हितग्राही केन्द्र सरकार के यूनिफाइड वेब पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर रहे हैं।
5 लाख से अधिक आवेदन
प्रदेश में लगभग 5 लाख 16 हजार से अधिक आवेदन प्राप्त हो चुके हैं। इन आवेदनों में से केन्द्र सरकार से 31 हजार 861 आवासों की मंजूरी भी मिल चुकी है। राज्य सरकार द्वारा प्राप्त आवेदनों पर तेजी से कार्यवाही की जा रही है। राज्य सरकार का संकल्प है कि मध्य प्रदेश का प्रत्येक परिवार पक्के घर में सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन व्यतीत कर सके।





