पीएम श्री एयर एम्बुलेंस सेवा हो रही है अब और भी कुशल, सेवा में और तेजी लाने भोपाल में मॉक ड्रिल

पीएम श्री एयर एम्बुलेंस सेवा से समय-समय पर कई ज़िंदगियों को बचाया जा चुका है।

BHOPAL NEWS : आपातकाल में नागरिकों को उच्च स्तरीय चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराने ‘पीएम श्री एयर एम्बुलेंस सेवा’ से कई जिंदगियों को बचाया जा रहा है। सेवा में और तेजी लाने करने के लिए भोपाल में मॉक ड्रिल की गई। इस दौरान डमी मरीज को बरकतउल्लाह यूनिवर्सिटी में बनाए गए हेलीपेड से एयर लिफ्ट किया गया। इसके पहले भोपाल विमानतल से उड़कर बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय पहुंचे एयर एम्बुलेंस को लैंड करवाकर टेस्टिंग की गई।

पीएम श्री एयर एम्बुलेंस सेवा

पीएम श्री एयर एम्बुलेंस सेवा से समय-समय पर कई ज़िंदगियों को बचाया जा चुका है। ऑर्गन ट्रांसप्लांट एवं गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान भोपाल सर्व सुविधायुक्त अस्पताल है। यहां से रेफर किए गए मरीजों को पूर्व में भी पीएम श्री एंबुलेंस के माध्यम से लिफ्ट कर उपचार हेतु भेजा गया है साथ ही प्रदेश के दूसरे जिलों से रोगियों को उपचार के लिए एम्स लाया जाता है। बरकतउल्ला विश्वविद्यालय स्थित हेलीपैड के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान से नजदीक होने के कारण मरीज को शीघ्र ही उपचार हेतु भेजा जा सकता है तथा आवश्यकता पड़ने पर बाहर भी भेजा जा सकता है। भोपाल विमानतल तक पहुंचने में लगने वाले समय की अवधि को कम करने के उद्देश्य से इस मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया।

चिकित्सा आपात स्थिति उत्पन्न होने या चिन्हित विशेष प्रकार की चिकित्सा सुविधा

पीएम श्री एयर एम्बुलेंस सेवा से प्रदेश में कहीं भी चिकित्सा आपात स्थिति उत्पन्न होने या चिन्हित विशेष प्रकार की चिकित्सा सुविधा या चिकित्सा विशेषज्ञों की आवश्यकता निर्मित होने पर कठिन भौगोलिक परिस्थिति में प्रदेश के दूरस्थ अंचलों तक पहुंचकर उन्नत आपातकालीन चिकित्सा द्वारा मरीजों की को स्थिर कर उच्च चिकित्सा केन्द्रों तक एयर लिफ्ट किये जाने की सेवा प्रदाय की जाती है। पीएम श्री एयर एम्बुलेंस सेवा सड़कों एवं औद्योगिक स्थलों में होने वाले हादसों, प्राकृतिक आपदा में गंभीर पीड़ित घायल व्यक्ति को त्वरित उपचार के लिये हवाई परिवहन सुविधा उपलब्ध कराई जाती है।

ग्रीन कॉरिडोर

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल डॉ प्रभाकर तिवारी ने बताया कि एम्स से बरकतउल्ला विश्वविद्यालय की दूरी लगभग 3 किलोमीटर है। ग्रीन कॉरिडोर बनाकर इस दूरी को अधिकतम 3 से 4 मिनिट में पूरा किया जा सकता है। गंभीर मरीजों को न्यूनतम समय में उपचार के लिए एयर लिफ्ट करवाने के उद्देश्य से मॉक ड्रिल की गई।


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Sushma Bhardwaj

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