भोपाल में खजूरी थाना पुलिस ने किसान से की मारपीट, पीड़ित ने कमिश्नर से लगाई इंसाफ की गुहार

भोपाल-इंदौर हाईवे खजूरी थाना पुलिस द्वारा बोरखेड़ी के किसानों के साथ मारपीट का मामला सामने आया है। किसानों ने भोपाल कमिश्नर के कार्यालय में पहुंच कर शिकायत दर्ज कराई है।

Shashank Baranwal
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Bhopal

Bhopal News: राजधानी भोपाल से एक बड़ी खबर सामने आई है। जहां भोपाल-इंदौर हाईवे खजूरी थाना पुलिस द्वारा बोरखेड़ी के किसानों के साथ मारपीट का मामला सामने आया है। जिसको लेकर सोमवार को कई किसान भोपाल कमिश्नर कार्यालय में पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई है।

कमिश्नर से लगाई इंसाफ की गुहार

किसानों का आरोप है कि बिना किसी कारण के खजूरी थाने में पदस्थ सिपाही बाबूलाल ने गाली गलौज और पिटाई की। वहां पर मौजूदा लोगों ने इसी बात की शिकायत के साथ सोमवार को परिवार के साथ भोपाल कलेक्टर और कमिश्नर से इंसाफ की गुहार लगाई। उन्होंने कहा कि हमे जबरन पुलिस की गाड़ी में भरकर थाने में ले जाकर हमारी पिटाई की और गाली गलौज की गई है। ग्रामीण भोपाल खजूरी थाना पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। शिकायत करने वालों में प्रकाश मेवाड़ा पिता इमरत सिंह मेवाड़ा, भाजपा किसान मोर्चा के महामंत्री फंदा ब्लॉक आदि शामिल है।

मारपीट करने वाले पुलिस कर्मी

किसानों ने अपने शिकायत में खजूरी पुलिस के पुलिसकर्मी बाबूलाल, पुलिसकर्मी महेश वर्मा, पुलिसकर्मी जितेन्द्र वर्मा तथा पुरुषोत्तम मिश्रा आदि पुलिसकर्मी की शिकायत कर इनके निलंबन की कार्रवाई की मांग की है।

भोपाल से रवि नथानी की रिपोर्ट


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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