प्रेशर पॉलिटिक्स: विस अध्यक्ष-उपाध्यक्ष पद को लेकर अजय विश्नोई का बड़ा बयान

Pooja Khodani
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट

हमेशा अपने बयानों से सुर्खियों में रहने वाले वरिष्ठ भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री अजय विश्नोई (Senior BJP MLA and former minister Ajay Vishnoi) का विधानसभा में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष (Speaker and Deputy Speaker in the Legislative Assembly) के चुनाव को लेकर ह बड़ा बयान सामने आया है।विधायक का कहना है कि महाकौशल अपने आप में एक बड़ा स्थान है, विंध्य अपने आप में बड़ा स्थान है, वहां के लोग मंत्रिमण्डल में छूट गए हैं वहां के लोगो को मलाल है, वँहा की आम जनता को भी मलाल है ।अगर वहां से विधानसभा अध्यक्ष उपाध्यक्ष की मांग उठ रही है तो जायज है व्यक्तिगत रूप से मैं किसी रेस में नहीं हूं।

बता दे कि विश्नोई मंत्रिमंडल विस्तार के बाद से ही पार्टी से नाराज बताए जा रहे है, इसको लेकर कई बार उनका ट्वीटर के माध्यम से भी दर्द छलका है।आज विधानसभा अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के पद को लेकर इशारों ही इशारों में उन्होंने अब महाकौशल से किसी नेता को जगह देने की मांग की है, हालांकि उन्होंने यह भी कहा है कि वे व्यक्तिगत रुप से इस रेस में शामिल नही है। लेकिन सियासी गलियारों में इसे प्रेशन पॉलिटिक्स के तौर पर देखा जा रहा है।

वही राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया (Rajya Sabha MP Jyotiraditya Scindia) के नागपुर संघ मुख्यालय जाने पर सियासी हलचल को लेकर विश्नोई ने कहा जो आज भाजपा में जुड़ा है, अगर मजबूती तलाशने संघ में गया तो क्या गलत किया, ठीक किया। सिंधिया बहुत तेजी के साथ बीजेपी की विचारधारा को आत्मसात करने में लग गए हैं।

भाजपा नेताओं की उपेक्षा पर बोल

कांग्रेस के नेताओं के बीजेपी में आने से वरिष्ठों की उपेक्षा पर अजय विश्नोई ने कहा कि  जब घर में मेहमान आते हैं तो घर के लोगों को सिमटना पड़ता है।घर में मजबूती और सम्मान इन लोगों के आने से बढ़ा है।

सवाल ना उठाएं, जवाब दे कांग्रेस
ग्वालियर-चंबल अंचल में चले बीजेपी के तीन दिवसीय महासदस्यता अभियान पर सवाल उठाने पर अजय विश्नोई ने कांग्रेस को जमकर घेरा। विश्नोई ने कहा कि जो कदम नहीं उठा सकते वह सवाल उठाते हैं ,जवाब देना है तो राजनीतिक रूप से कदम बढ़ा कर जवाब दें।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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