भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश यूनाइटेड फोरम फॉर पावर इम्पलाईज एवं इंजीनियर्स ने सीएम शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होने केंद्र शासन द्वारा विद्युत वितरण कंपनियों के निजीकरण हेतु जारी स्टेंडर्ड बिड डाक्यूमेंट (SBD) एवं अन्य मुद्दों पर चर्चा के लिए मुख्यमंत्री से समय मांगा है। 15 दिन के भीतर समय न दिए जाने पर उन्होने आंदोलन की चेतावनी दी है।
मध्यप्रदेश यूनाइटेड फोरम फॉर पावर इम्पलाईज एवं इंजीनियर्स प्रदेश की उत्तरवर्ती कंपनियों के प्रमुख संगठनों का संयुक्त संगठन है। इसके अंतर्गत आने वाले सभ संगठनों की कंपनियों को 8 माह के भीतर निजीकरण करने को कहा गया है। इसे लेकर इस संगठन का कहना है कि पहले भी भोपाल के चार ज़ोन सहित सागर एवं उज्जैन को फ्रेंचाईजी के आधार पर निजीकरण करने का प्रयास किया गया था लेकिन वो असफल रहा था। इनका कहना है कि निजीकरण का प्रभाव अधिकारी, कर्मचारी, संविदा कर्मचारी पर तो पड़ेगा ही साथ ही म उपभोक्ता, किसानों, औद्योगिक एवं व्यावसायिक बिजली दरों में वृद्धि भी होगी। इसे लेकर इन्होने कहा है कि प्रदेश में विद्युत वितरण की सुचारू व्यवस्था चलाने को लेकर इनके पास कुछ सुझाव हैं, जिसपर ये मुख्यमंत्री के साथ चर्चा करना चाहते हैं।