जबलपुर में एक गर्भवती महिला को स्ट्रेचर पर ले जाने की घटना पर कांग्रेस ने सरकार और प्रशासन पर सवाल उठाए हैं। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने बदहाल सड़कों के साथ भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि सारा विकास कागज़ों पर हो रहा है लेकिन जमीनी हकीकत आज भी कुछ और है।
उन्होंने कहा कि ‘पूरा प्रदेश इसी बदहाली से जूझ रहा है। राजधानी तक की सड़कें गड्ढों में तब्दील हो चुकी हैं। कहीं पानी भरा है, कहीं सड़कें धंस गई हैं और आमजन रोज़ परेशानी झेल रहा है लेकिन सरकार और प्रशासन गंभीर नहीं हैं।’
क्या है मामला
हाल ही में जबलपुर के वियोसा गांव में एक गर्भवती महिला को अस्पताल पहुंचाने के लिए ग्रामीणों को कीचड़ भरे रास्ते पर स्ट्रेचर का सहारा लेना पड़ा। बारिश के कारण कच्ची सड़क पर कीचड़ होने के कारण जननी एक्सप्रेस गांव तक नहीं पहुंच सकी। इसके बाद ग्रामीणों की मदद से महिला को आधा किलोमीटर तक स्ट्रेचर पर लिटाकर जननी एक्सप्रेस तक पहुंचाया। इस घटना के बाद ग्रामीणों में आक्रोश है और उनका कहना है कि गांव तहसील मुख्यालय से सिर्फ पांच किलोमीटर दूर है, लेकिन आज तक पक्की सड़क नहीं बन पाई है। बरसात में यह रास्ता और भी बदहाल हो जाता है और ऐसी किसी स्थिति में। लोगों का अस्पताल तक पहुंचना भी मुश्किल हो जाता है।
उमंग सिंघार ने सरकार पर उठाए सवाल
इसे लेकर अब कांग्रेस ने प्रदेश सरकार को घेरा है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा है कि ‘जबलपुर की एक गर्भवती बहन को कीचड़ भरे रास्ते पर स्ट्रेचर पर आधा किलोमीटर ले जाया गया, क्योंकि एम्बुलेंस गांव तक नहीं पहुंच सकी। सरकार ने सड़क के लिए सालों पहले राशि तो जारी कर दी, लेकिन निर्माण अब तक अधूरा है। राज्य में कागज़ों में विकास पूरा हो चुका है, लेकिन ज़मीन पर लोग आज भी नर्क झेल रहे हैं। पूरा प्रदेश इसी बदहाली से जूझ रहा है। राजधानी तक की सड़कें गड्ढों में तब्दील हो चुकी हैं। कहीं पानी भरा है, कहीं सड़कें धंस गई हैं, और आमजन रोज़ परेशानी झेल रहा है। लेकिन सरकार और प्रशासन गंभीर नहीं हैं। सरकार अखबारों में सड़कों की चमकदार तस्वीरें छपवाने में व्यस्त है जबकि होना ये चाहिए था कि मानसून से पहले सड़कों का मेंटेनेंस होता, ताकि जनता को तकलीफ़ न हो।’
जबलपुर की एक गर्भवती बहन को कीचड़ भरे रास्ते पर स्ट्रेचर पर आधा किलोमीटर ले जाया गया, क्योंकि एम्बुलेंस गांव तक नहीं पहुंच सकी।
सरकार ने सड़क के लिए सालों पहले राशि तो जारी कर दी, लेकिन निर्माण अब तक अधूरा है। राज्य में कागज़ों में विकास पूरा हो चुका है, लेकिन ज़मीन पर लोग आज भी…
— Umang Singhar (@UmangSinghar) July 9, 2025





