भोपाल/इंदौर।कोरोना संकटकाल (Corona crisis) के बीच उपचुनाव (bye election) से पहले एक बार फिर पूर्व सांसद प्रेमचंद गुड्डू ( former mp Premchand Guddu) की कांग्रेस (congress)में वापसी की अटकलें तेज हो चली है। गुड्डू के सांवेर उपचुनाव को लेकर लगातार कांग्रेसियों के साथ बैठक के बाद इन बातों को बल मिला है।इस दौरान उन्होंने भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया(jyotiraditya scindia) पर भी जमकर हमला बोला। सुत्रों की माने तो कांग्रेस इसके लिए बड़ी रणनीति बना रही है , जिसके तहत पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) के माध्यम से गुड्डू की वापसी करवा कर सांवेर विधानसभा क्षेत्र में तुलसी सिलावट के खिलाफ मैदान में उतारा जा सके।अगर ऐसा होता है तो मुकाबले के रोचक होने के आसार है।
रविवार को गुड्डू ने सांवेर के प्रमुख कांग्रेस नेताओं के साथ बैठक कर चुनावी तैयारियों पर बात की। उन्होंने कहा कि गद्दारी सिंधिया परिवार के डीएनए में है। जब किला मैदान पर रानी लक्ष्मीबाई की प्रतिमा का अनावरण हो रहा था, तब भी मैंने राजस्थान की तत्कालीन मुख्यमंत्री को बुलाने का विरोध किया था। गुड्डू ने कहा कि जब युवक कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष था, तब माधवराव सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ दी थी। मैंने उनके क्षेत्र में जाकर खूब सभाएं लीं। जब वे कांग्रेस में वापस लौटे तो उन्होंने मुझे दबाव बनाकर पद से हटवा दिया।गुड्डू ने यहां तक कहा कि जिस सिंधिया परिवार ने हमेशा देश और राजनीतिक दलों के साथ गद्दारी की, उस परिवार के साथ वफादारी निभाने के लिए सांवेर की जनता के साथ गद्दारी करने वालों को सहन नहीं करना है। अपने हितों के लिए सांवेर की जनता को धोखा देने वाले ऐसे जनप्रतिनिधि को सबक सिखाना आवश्यक है, ताकि आने वाले समय में कोई अन्य जनप्रतिनिधि इस तरह से गद्दारी नहीं कर सके।इस बैठक और बयान बाजी के बाद एक बार फिर गुड्डू के कांग्रेस में जाने की अटकलें तेज हो गई है।चर्चा तो ये भी है कि दिग्विजय सिंह और गुड्डू दोनों ने इसके बारे में चर्चा की। कोरोनवायरस से कुछ राहत मिलने के बाद, गुड्डू की कांग्रेस में वापसी के बारे में औपचारिक घोषणा की जा सकती है|
दरअसल, विधानसभा चुनाव के दौरान सुनवाई न होने और टिकट वितरण को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ विवाद के चलते गुड्डू ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था। बताया जाता है कि सिंधिया ने गुड्डू को उज्जैन में एक समारोह में मंच तक जाने से रोका और उनके बेटे को आलोट से टिकट नहीं दिया गया। इन दोनों घटनाओं ने गुड्डू को इतना आहत किया कि उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी थी।हालांकि बीजेपी में शामिल होने के बाद गुड्डू के बेटे अजीत बोरासी को विधानसभा चुनाव लडऩे का मौका तो मिला, लेकिन वे हार गए और फिर उन्हें भाजपा में कोई खास तव्वजो नहीं मिली। अब सिंधिया ने बीजेपी का दामन थाम लिया है ऐसे में गुड्डू कांग्रेस में वापसी कर सांवेर से उपचुनाव लड़ सकते है, अगर ऐसा हुआ तो सिंधिया समर्थक सिलावट के लिए बडी चुनौती होगी।वही मुकाबले के रोचक होने के भी आसार है, यह पहला मौका होगा जब कांग्रेस और सिंधिया आमने-सामने होंगे।
लोकसभा चुनाव से पहले भी थी वापसी की चर्चा
प्रदेश की राजनीती में गुड्डू को दिग्विजय का समर्थक माना जाता है। प्रेमचंद गुड्डू इंदौर की सांवेर विधानसभा सीट से विधायक रहे हैं। 2008 में उन्होंने उज्जैन से लोकसभा चुनाव लड़ा था। तब उन्होंने बीजेपी के बड़े दलित नेता सत्यनारायण जटिया को हराया था। लोकसभा चुनाव से ठीक पहले ऐसी अटकलें थीं कि गुड्डू कांग्रेस में लौट आएंगे, लेकिन पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा के विरोध के कारण ऐसा नहीं हुआ। लेकिन अब सिंधिया के भाजपा में जाने के बाद एक बार फिर अटकलें तेज हो गई है कि गुड्डू कांग्रेस में वापसी कर सकते है। उपचुनाव में सिलावट के खिलाफ कांग्रेस के पास कोई मजबूत उम्मीदवार नहीं है। इसलिए, अगर गुड्डू को सिलवट के खिलाफ मैदान में उतारा जाता है तो टक्कर रोचक हो सकती है।