भोपाल की बेटी ने सीएम शिवराज सिंह चौहान से मांगी इच्छा मृत्यु, जानिए वजह

Gaurav Sharma
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Piryanak from bhopal seeking Wish death from cm shivraj

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। भोपाल (Bhopal) की रहने वाली 27 साल की लकड़ी प्रियंका ने अपनी मां की मौत से दुखी होकर खुद के लिए और अपने भाई बहनों के लिए इच्छा मृत्यु (Wish Death) की मांग की है। प्रियंका ने एक वीडियो  शेयर (Video Share)  किया है, जिसमें उसने कहा है कि प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) ने मामा-भांजी के रिश्ते को बहुत प्रसिद्ध किया पर आज उनकी भांजी न्याय के लिए तरस रही है। प्रियंका ने वीडियो में बताया कि उसकी मां जेपी अस्पताल के कोरोना वार्ड में भर्ती थी,जहां उनकी मौत हो गई है।

आगे प्रियंका कहती है कि अस्पताल में किसी ने उनकी मां की लाश को छुआ तक नहीं, वो खुद ही अपने चाचा के साथ शव को लेकर अस्पताल में भटकती रही। वहीं उसकी मां का अंतिम संस्कार भी उन्होंने खुद किया। प्रियंका ने बताया कि वो भोपाल के कोलार रोड एरिया की रहने वाली है। प्राइवेट अस्पातलों ने उसकी मां को कोरोना संक्रमित (Corona Infected) बताकर हमसे 50-50 हजार रुपए लिए। हमारे साथ हो रही लूट को देखते हुए हमने भोपाल कलेक्टर (Bhopal Collector) की मदद ली।

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कलेक्टर से मिलने के बाद मां के अच्छे और आगे के इलाज के लिए उन्हें जेपी अस्पताल  भर्ती कराया गया, लेकिन यहां पर किसी ने उनकी मां का इलाज करना तो दूर, उनको देखना भी सही नहीं समझा। जेपी अस्पताल (JP Hospital) में उनकी मां को देखने वाला भी कोई नहीं था। आगे प्रियंका बताती है कि रात को अस्पताल में ऑक्सीजन की सप्लाई Oxygen Supply) बंद कर दी जाती थी।

मां की हालत खराब होने के कारण उनकी मौत हो गई, जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने उनके शव को लावारिस छोड़ दिया। उसके बाद हमे ही मां के शव को पीपीई किट लपेटकर स्ट्रेचर पर अकेले लेकर घर जाना पड़ा। अस्पताल प्रबंधन ने हमारी कोई मदद नहीं की।

अस्पताल प्रबंधन पर दर्ज हो एफआईआर- प्रियंका

प्रियंका आगे बताती है कि 8 साल पहले उनके पापा गुजर गए थे, जिसके बाद मां ने ही हम चारों भाई बहनों की देख भाल की है। अब अस्पताल की लापरवाही (negligence of hospital) की वजह से मां की जान चली गई, वहीं प्रशासन की ओर से हमे किसी भी तरह की मदद नहीं दी गई है।हमारी मांग है कि पूरे मामले की जांच की जानी चाहिए और अस्पताल प्रबंधन पर एफआईआर (FIR) दर्ज की जाना चाहिए। अगर हमे न्याय नहीं मिलता है तो हमे चारों भाई बहनों को इच्छा मृत्यु दी (wish death) जाए क्योंकि अब हमारे पास मरने के सिवा और कोई रास्ता नहीं है।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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