8 अक्टूबर को मनाई जाएगी प्रोफेसर पुष्पेन्द्र पाल सिंह की जन्म जयंती, पीपी सर के नाम पर दिया जाएगा पहला नेशनल अवार्ड

Shashank Baranwal
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Bhopal News: मीडिया के क्षेत्र में पत्रकारिता गुरु के नाम से विख्यात पत्रकार प्रो. पुष्पेन्द्र पाल सिंह की जन्म जयंती का आयोजन 8 अक्टूबर को भोपाल में होने वाला है। जयंती कार्यक्रम को पुष्पेन्द्र पाल सिंह स्मृति फाउंडेशन द्वारा आयोजित किया जा रहा है। प्रो. पुष्पेन्द्र पाल सिंह की स्मृति उनके जन्मदिवस के अवसर पर हर साल पत्रकारिता के क्षेत्र में अच्छे कार्य करने के लिए पीपी सिंह नेशनल जर्नलिज्म अवार्ड दिया जाएगा।

पीपी सिंह नेशनल अवार्ड के पहले विजेता

पीपी सिंह नेशनल अवार्ड पहले विजेता वरिष्ठ पत्रकार अतुल चौरसिया हैं। जिनको दो बार रामनाथ गोयनका अवार्ड से सम्मानित भी किया जा चुका है। जो कि वर्तमान समय में डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म न्यूजलॉन्ड्री के संपादक है।  इस अवार्ड में विजेता को एक लाख रुपये और स्मृति चिन्ह प्रदान की जाएगी। विजेता के नाम का चयन निर्णायक मंडल द्वारा किया गया है। जिसमें जाने माने लेखक, आलोचक डॉ. विजय बहादुर, वरिष्ठ पत्रकार और मीडिया शिक्षा के विशेषज्ञ सुधीर जैन और आईआईएमसी के प्रो. आनंद प्रधान के साथ वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता सचिन कुमार जैन शामिल रहे।

गांधी मैदान में होगा कार्यक्रम

प्रो. पुष्पेन्द्र सिंह की जन्म जयंती का कार्यक्रम भोपाल के गांधी मैदान में 8 अक्टूबर रविवार को शाम 4 बजकर 30 मिनट पर आयोजित किया जाएगा। इस कार्यक्रम में देशभर के 20 से अधिक मीडिया संस्थानों के संपादक और 100 से अधिक पत्रकार शिरकत करेंगे। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. विजय बहादुर द्वारा की जाएगी। साथ ही अतुल चौरसिया सहित गुजरात के गांधी प्रेमी विचारक उत्तम परमार और प्रो. आनंद प्रधान कार्यक्रम को संबोधित करेंगे।

प्रो. पुष्पेन्द्र सिंह कौन थे

अपने आप में पत्रकारिता की एक संस्था और हजारों विद्यार्थियों के प्रेरणाश्रोत प्रो. पुष्पेंद्र सिंह लोकप्रिय मीडिया शिक्षक रहे हैं। इन्होंने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता और संचार विश्वविद्यालय में करीब 20 सालों तक अध्यापन कार्य किया। इस दौरान विभागाध्यक्ष की भी भूमिका निभाई थी। जिनका निधन 7 मार्च 2023 को हो गया।


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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