पर्यटन का काम देख रहा ‘प्रोफेसर’, चहेतों के भी वारे-न्यारे

भोपाल| लम्बे समय से मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की सरकार (Government) आर्थिक संकट से जूझ रही है, वहीं वित्तीय संसाधनों का एक बड़ा हिस्सा कोरोना (Corona) महामारी की रोकथाम पर खर्च किया जा रहा है| विकास कार्यों को गति देने के लिए लगातार कर्ज लिया जा रहा है| ऐसे हालातों में भी कुछ अफसर जो मोटी तनख्वाह पर जमे हुए हैं| जिनकी कोई उपयोगिता न होते हुए भी सरकार का ऐसे अफसरों पर ध्यान नहीं है| अपनी पहुँच का फायदा उठाते हुए ऐसे अफसर खुद तो सरकारी सुविधा का लाभ उठा रहे वहीं अपने चहेतों के भी वारे न्यारे कर रहे हैं|

इसका उदाहरण मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड में कार्यरत कुछ अति विशिष्ट सलाहकार और उन्हें आश्रय देने वाले उच्च शिक्षा विभाग से प्रतिनियुक्ति पर आए समाजशास्त्र के एक एसोसिएट प्रोफेसर हैं| पर्यटन के विकास एवं विस्तार के लिए पर्यटन बोर्ड का गठन किया गया है| जिसमे नियमों के तहत सलाहकार की संविदा नियुक्ति की जा सकती है| प्रतिनियुक्ति पर आए अधिकारी और उनके द्वारा नियुक्ति कराए गए सलाहकारों को पर्यटन के क्षेत्र का कोई न कोई अनुभव है और न ही इनकी कोई उपयोगिता होते हुए भी सवा लाख रुपए से अधिक का वेतन ले रहे हैं | इसके साथ ही सरकारी सुविधाओं का भी भरपूर लाभ ले रहे हैं|


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न्यूज डेस्क, Mp Breaking News

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