मध्य प्रदेश सरकार ने पिछले दिनों मध्य प्रदेश के अधिकारियों और कर्मचारियों को बड़ा तोहफा देते हुए उनके 9 साल के लंबे इतंजार को खत्म कर दिया और पदोन्नति आदेश जारी कर दिया, मोहन कैबिनेट ने लोक सेवा पदोन्नति नियम-2025 जारी करते हुए पदोन्नति का रास्ता खोल दिया।
कैबिनेट से लोक सेवा पदोन्नति नियम-2025 को मंजूरी मिल जाने के बाद विभागीय स्तर पर पदोन्नति के लिए विचार विमर्श शुरू हो गया, इसी क्रम में आज मुख्य सचिव अनुराग जैन ने अधिकारियों के साथ बैठक की, बैठक में पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना सहित सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव, आयुक्त एवं विभागाध्यक्ष शामिल रहे।

31 जुलाई तक अधिकारी-कर्मचारियों को करें पदोन्नत
मुख्य सचिव अनुराग जैन ने सभी विभाग प्रमुखों से कहा कि लोक सेवा पदोन्नति नियम-2025 के तहत पदोन्नति कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाये। यह प्रयास किया जाये कि 31 जुलाई 2025 तक अधिकारी-कर्मचारियों को पदोन्नत किया जा सके। उन्होंने कहा कि राज्य शासन की मंशानुरूप कर्मचारी-कल्याण को प्रमुखता से लें।
नियमों के लागू होने से प्रशासनिक दक्षता बढ़ेगी
मुख्य सचिव ने कहा कि 9 साल की बड़ी समस्या इस नियम के लागू होने से समाप्त हो सकेगी। नियमों को बनाने में वरिष्ठ सचिव समिति एवं सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारियों ने बहुत मेहनत एवं गहन चर्चा की। नियमों के लागू होने से प्रशासनिक दक्षता बढ़ेगी।
कर्मचारी कल्याण को प्राथमिकता देने के निर्देश
मुख्य सचिव ने अधिकारियों से कहा कि अपने विभाग में कर्मचारी-कल्याण को प्राथमिकता दी जाये। विभागीय परामर्शदात्री समिति की बैठकें आयोजित की जाएं। कर्मचारियों के गोपनीय प्रतिवेदन, विभागीय जाँच एवं पेंशन प्रकरणों का निराकरण समय से करें।
विस्तार से दी गई नियमों की जानकारी
बैठक के दौरान अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन संजय दुबे एवं उप सचिव अजय कटेसरिया ने मध्य प्रदेश लोकसेवा पदोन्नति नियम-2025 की विस्तृत जानकारी दी। इसमें अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति प्रवर्ग के लिए आरक्षित पदों की गणना, विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक, अर्हकारी सेवा की गणना, वार्षिक गोपनीय प्रतिवेदन, पदोन्नति हेतु अनुपयुक्तता, पदोन्नति का प्रकार, पदोन्नति के फलस्वरूप वेतन का निर्धारण, सीलबंद लिफाफे की स्थिति में प्रक्रिया सहित प्रतीक्षा सूची से रिक्तियों को भरे जाने की विस्तृत जानकारी दी गयी।