भोपाल।
देश भर के एम्स में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय इलाज की दरें और छात्रों की पढाई की फीस में बढोत्तरी करने की तैयारी कर रहा है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों के एम्स से मौजूदा फीस स्ट्रक्चर और ट्रीटमेंट फीस की जानकारी मंगाई है. अब इलाज की दरें दिल्ली सहित देश के अन्य 6 एम्स में बढाई जायेंगी। फीस बढ़े इससे पहले ही इलाज और पढाई मंहगी किये जाने का विरोध शुरू हो गया है। एम्स स्टूडेंट्स एसोसिएशन भोपाल ने प्रधानमंत्री,केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री सहित स्वास्थ्य मंत्रालय के आला अधिकारियों से इस फैसले को लागू ना करने की अपील की है।
भोपाल एम्स स्टूडेंट्स एसोसिएशन के प्रसिडेंट ए श्रीनिधि ने कहा कि एम्स भारत ही नहीं दुनियां के कई देशों में इलाज के मामले में विश्वसनीय संस्थान है। सस्ता और सुलभ इलाज होने के कारण गरीब वर्ग के मरीजों को जीवनदान मिलता है। इलाज की दरें बढाये जाने से मरीजों को परेशानियों का सामना करना पडेगा। इलाज और पढाई के पैसे बढाये जाने के फैसले पर सरकार को विचार करना चाहिए।
एसोसिएशन के महासचिव सत्यम मिश्रा ने कहा कि विपरीत परिस्थितियों में पढाई कर एम्स में अपनी काबिलियत के दम पर एम्स में एडमिशन लेने वाले छात्रों की फीस बढाने से छात्रों के परिवार पर आर्थिक बोझ पडेगा। समाचार माध्यमों से मिली जानकारी के मुताबिक सरकार 90 फीसदी तक स्टूडेंट्स की फीस बढाने की तैयारी कर रही है। इस निर्णय को यदि लागू किया जाता है तो पूरे देश के एम्स स्टूडेंट्स सडकों पर उतरकर फैसले का विरोध करेंगे।