सरकारी स्कूलों में बदलेगा ढर्रा, लागू होगी गुणवत्ता सुधारने वाली शिक्षा प्रणाली

भोपाल। मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा शिक्षा विभाग को प्राथमिकता वाले विभाग में शामिल करने की घोषणा करने के बाद व्यवस्था सुधारने की दिशा में काम शुरू हो गया है। हाल ही में राजधानी भोपाल में शिक्षा सुधार के लिए आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला में विशेषज्ञों ने जो सुझाव दिए हंैं, उन पर अमल करने की दिशा में काम शुरू हो गया है। जो अगले शिक्षा सत्र से प्रभावी होंगे। जिसके तहत स्कूलों में शिक्षण कार्य एवं प्रबंधन का कार्य अलग-अलग हाथों में सौंपा जाएगा।

स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने की दिशा में सबसे पहले शिक्षकों को प्रशिक्षण देने का कार्य शुरू किया है। शिक्षकों को अंग्रेजी में दक्ष करने के लिए ब्रिटिश काउंसिल के माध्यम से प्रशिक्षण दिया जा रहा है। साथ ही शिक्षकों की परीक्षा भी ली जा रही है। अगले सत्र से स्कूलों में रिक्त पदों पर शिक्षकों की पदस्थापना हो जाएगी। साथ ही जिन स्कूलों में ज्यादा शिक्षक पदस्थ हैं, वहां से उन्हें हटाकर दूसरी जगह पदस्थ किया जाएगा। विभाग द्वारा स्कूल की स्थापना के समय स्वीकृत किए गए पद संख्या की जानकारी जुटाई जा रही है। इसके बाद पदस्थापना का काम शुरू होगा। जिन स्कूलों में छात्र संख्या या उपस्थिति कम हैं, उन स्कूलों केा बंद कर दूसरे स्कूलों में मर्ज किया जाएगा। ज्यादातर स्कूल पहली कक्षा से बाहरवीं कक्षा तक एक ही कैंपस में होंगे। केंद्रीय विद्यालयों की तर्ज पर इनमें खेल शिक्षक से लेकर सभी विषयों के शिक्षक पदस्थ होंगे। खास बात यह है दिल्ली की तर्ज पर स्कूलों में शैक्षणिक कार्य कराने वालों से दूसरे काम नहीं कराए जाएंगे। मध्यान्ह भोजन वितरण से लेकर निर्माण कार्य या अन्य सभी तरह के प्रबंधन का काम अन्य को सौंपा जाएगा। जिससे शैक्षणिक कार्य प्रभावित नहीं होंगे। 


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