अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर रेलवे की पहल : भोपाल मंडल में महिला सशक्तिकरण को नई उड़ान

महिलाएँ केवल पारंपरिक भूमिकाओं तक सीमित नहीं हैं, बल्कि लोको पायलट, स्टेशन प्रबंधक, टिकट चेकिंग, इंजीनियरिंग, आरपीएफ (रेलवे सुरक्षा बल), ट्रैफिक कंट्रोल, वाणिज्यिक सेवाओं, स्वास्थ्य सेवाओं जैसे महत्वपूर्ण विभागों में अपनी प्रतिभा दिखा रही हैं।

BHOPAL NEWS : भारतीय रेलवे, भोपाल मंडल में महिलाओं को आगे बढ़ाने और उन्हें सशक्त बनाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। रेलवे, जो हमेशा से राष्ट्र निर्माण की रीढ़ रहा है, अब महिलाओं को भी समान अवसर और नेतृत्व की भूमिकाओं में आगे बढ़ाने के लिए विशेष योजनाओं पर काम कर रहा है।

रेलवे में बढ़ती महिला भागीदारी: नई संभावनाओं का द्वार

भारतीय रेलवे का भोपाल मंडल महिलाओं को विभिन्न तकनीकी और प्रशासनिक पदों पर अवसर प्रदान कर रहा है। आज, महिलाएँ केवल पारंपरिक भूमिकाओं तक सीमित नहीं हैं, बल्कि लोको पायलट, स्टेशन प्रबंधक, टिकट चेकिंग, इंजीनियरिंग, आरपीएफ (रेलवे सुरक्षा बल), ट्रैफिक कंट्रोल, वाणिज्यिक सेवाओं, स्वास्थ्य सेवाओं जैसे महत्वपूर्ण विभागों में अपनी प्रतिभा दिखा रही हैं। रेलवे ने यह सुनिश्चित किया है कि महिलाएँ किसी भी क्षेत्र में अवसरों से वंचित न रहें।

भोपाल मण्डल में कार्यरत महिला स्टाफ 

भोपाल मंडल में कुल 1100 महिला कर्मचारी विभिन्न विभागों में कार्यरत हैं, जो रेलवे के विभिन्न महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अपना योगदान दे रही हैं। वाणिज्य विभाग में 164, यांत्रिक विभाग में 156, संचालन विभाग में 109, विद्युत विभाग में 216, इंजीनियरिंग विभाग में 164, सुरक्षा विभाग में 45, संकेत एवं दूरसंचार विभाग में 87, चिकित्सा विभाग में 64, लेखा विभाग में 24, कार्मिक विभाग में 44, सामान्य प्रशासन में 20, गति शक्ति/निर्माण विभाग में 3 और भंडार विभाग में 4 महिलाएँ कार्यरत हैं।

विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम: रेलवे में भर्ती होने वाली महिलाओं को विशेष तकनीकी और प्रबंधन प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि वे आधुनिक रेलवे तकनीकों में निपुण बन सकें।

 सुरक्षा और सुविधाएँ: रेलवे ने कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सीसीटीवी, महिला हेल्पलाइन, और बेहतर कार्य-परिस्थितियाँ उपलब्ध कराई हैं।

ट्रेनों का संचालन: रेलवे ने महिला लोको पायलट और सहायक लोको पायलट की तैनाती कर ट्रेनों का संचालन महिलाओं के हाथों में सौंपा है, जिससे उनकी कार्यक्षमता और नेतृत्व क्षमता को बढ़ावा मिला है।

कार्यस्थल पर समावेशिता: रेलवे महिलाओं को मातृत्व अवकाश, फ्लेक्सिबल वर्किंग ऑवर्स और डे-केयर सुविधाएँ देकर उनके कार्य-जीवन संतुलन को मजबूत बना रहा है।

भविष्य की दिशा: रेलवे के साथ महिलाएँ भी करेंगी तरक्की

रेलवे न केवल महिलाओं को रोज़गार दे रहा है बल्कि उन्हें नेतृत्व की ओर भी प्रेरित कर रहा है। आने वाले समय में रेलवे द्वारा महिला कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने, नई योजनाएँ लागू करने और उन्हें और अधिक कार्यक्षेत्रों में भागीदारी देने की दिशा में कार्य किया जाएगा। भोपाल मंडल भारतीय रेलवे के इस महिला सशक्तिकरण अभियान को निरंतर आगे बढ़ाने के लिए संकल्पित है। यह पहल “सबका साथ, सबका विकास” की भावना को मजबूत करती है और “नारी शक्ति, रेलवे की प्रगति” का संदेश देती है।


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Sushma Bhardwaj

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