राजगढ़ जिला अस्पताल में महिला का हंगामा, VIP प्रोटोकॉल के चलते परिजन के इलाज में लेट-लतीफी और मौत का प्रशासन पर लगाया आरोप

राजगढ़ जिला अस्पताल में इलाज के इंतजार में मरीज की मौत हो गई। परिजनों से प्रशासन पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि वीआईपी प्रोटोकॉल के कारण मरीज की जान गई। इस मामले में कॉंग्रेस ने सीएम मोहन यादव पर निशाना साधा है।

Manisha Kumari Pandey
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राजगढ़ के जिला प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगा है। दरअसल, रविवार को राजगढ़ (Rajgarh News) के जिला चिकित्सालय के लोकार्पण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के समय एक वृद्ध को इलाज के लिए अस्पताल में लाने में देर हो गई और उनकी अस्पताल में मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि वीआईपी प्रोटोकॉल के चलते मरीज को कई जगह रोका गया जिसके कारण वह समय पर अस्पताल नहीं पहुंच सका और उसकी मौत हो गई।

राजगढ़ के रहने वाले अमि चंद्र सोनी रविवार को घर पर ही थे। अचानक उन्हें घबराहट होने लगी और बेचैनी सी महसूस होने लगी। परिजनों को यह बात बताने पर उन्होंने तुरंत उन्हें वाहन में लिटाया और जिला अस्पताल के लिए रवाना हो गए। लेकिन जिला अस्पताल में मुख्यमंत्री का कार्यक्रम था और वहां पर वीआईपी प्रोटोकॉल के चलते कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी।

वीआईपी प्रोटोकॉल के कारण मरीज ने तोड़ा दम 

परिजनों का आरोप है कि वीआईपी प्रोटोकॉल के चलते उनके वाहन को तीन से चार स्थानों पर रोका गया। जिसके कारण मरीज को अस्पताल पहुंचने में देर हो गई और स्थिति और बिगड़ गई। हालांकि अस्पतालों में उन्हें बचाने के लिए डॉक्टरों ने तमाम इंतजाम किए और सीपीआर भी दिया लेकिन अमिचंद्र ने दम तोड़ दिया।

परिवार का हंगामा, कलेक्टर ने समझाया

इसके बाद जब मुख्यमंत्री कार्यक्रम के बाद बाहर निकले तो मृतक के परिवार की महिला ने वहां पर हंगामा कर दिया। कलेक्टर गिरीश कुमार शर्मा ने उसे महिला को समझाकर बाहर निकाला। बाद में मृतक के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया और प्रशासन को भी यह कहकर कटघरे में खड़ा किया कि अगर वीआईपी मूवमेंट के चलते वृद्ध को इलाज के लिए अस्पताल आने में नहीं रोका गया होता तो शायद उनकी जान नहीं गई होती।

कॉंग्रेस प्रवक्ता ने साधा मुख्यमंत्री पर निशाना

इस मामले को लेकर कॉंग्रेस प्रवक्ता संगीता शर्मा ने मुख्यमंत्री मोहन यादव पर निशाना साधा है। उन्होनें सोशल मीडिया पर कहा, “सीएम राजगढ़ जिला अस्पताल के 200 बिस्तर का लोकार्पण करने पहुंचे थे। इसी दौरान इमरजेंसी में आए एक बुजुर्ग व्यक्ति को सीएम की सिक्योरिटी ने अस्पताल के अंदर आने से रोक दिया। समय पर इलाज नहीं मिलने से मरीज की मौत हो गई। इसका जिम्मेदार कौन है? और कार्रवाई कब होगी?” 


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