Ramdhari singh Dinkar Birth Anniversary : नवचेतना और वीर रस के कवि रामधारी सिंह दिनकर, पढ़िये उनकी मशहूर कविता

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। हिंदी भाषा के प्रमुख कवि रामधारी सिंह दिनकर (Ramdhari singh Dinkar Birth Anniversary) की आज 114वीं जयंती है। वे आधुनिक युग के श्रेष्ठ वीर रस के कवि के रूप में स्थापित हैं। उन्होने हिंदी और मैथिली भाषा के कवि, निबंधकार, स्वतंत्रता सेनानी, देशभक्त और अकादमिक थे। बिहार के बेगूसराय में जन्में दिनकर की प्रमुख कृतियों में ‘कुरुक्षेत्र’, ‘उर्वशी’, ‘रश्मिरथी’, ‘रेणुका’ ‘द्वंदगीत’ शामिल हैं। साल 1972 में काव्य संग्रह ‘उर्वशी’ के लिए उन्हें ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

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उनकी कविताएं चेतना के स्वर और वीर रस से पगी हैं। स्वतंत्रता से पहले उन्होने अपनी रचनाओं के माध्यम से ब्रिटिश हुकूमत को खूब निशाना बनाया। बाद में उनकी रचनाओं में जनहित के मुद्दे और प्रतिरोध की आवाज सुनाई दी। उनकी रचनाएं जयप्रकाश नारायण जैसे नेताओं के लिए भी प्रेरणा का स्रोत रही। उनकी जयंति पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने श्रद्धांजलि देते हुए लिखा है कि ‘अपनी विद्रोह और क्रांति से भरपूर कविताओं के माध्यम से राष्ट्रवाद की भावना जागृत कर देने वाले राष्ट्रकवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ जी की जयंती पर कोटिश: नमन् करता हूं! आपकी अद्वितीय, अमूल्य और ओजस्वी कविताएं हिन्दी भाषा की समृद्धि का सशक्त आधार रहेंगी और हृदय को सुवासित करती रहेंगी।’


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।