BJP अध्यक्ष वीडी शर्मा से मुलाकात के बाद बोले रामनिवास रावत, जब समय साथ नहीं होता तो परछाई भी साथ छोड़ देती है

रामनिवास रावत ने कहा भाग्य से ज्यादा इंसान को कुछ नहीं मिलता, समय जब साथ नहीं होता तो परछाई भी साथ छोड़ देती है। 

Atul Saxena
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Ramniwas Rawat

Ramnivas Rawat meets BJP President VD Sharma: विजयपुर उप चुनाव में हार झेलने के बाद पूर्व वन मंत्री रामनिवास रावत आज भोपाल पहुंचे और पार्टी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा से उन्होंने मुलाकात की, मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए रावत ने कहा कि जो भाग्य में होता है वही होता है, जब समय साथ नहीं होता तो परछाई भी साथ छोड़ देती है।

पूर्व मंत्री रामनिवास रावत चुनाव हारने के बाद मायूस हैं, वे वीडी शर्मा से मुलाकात करने पहुंचे, मिलने के बाद उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा, ये एक सामान्य मुलाकात थी, भविष्य को लेकर चिंता के सवाल पर रावत ने कहा कि मुझे कोई चिंता नहीं है, पार्टी जो जिम्मेदारी देगी वो भूमिका निभाऊंगा, अभी तक मंत्री की भूमिका में था अब मैंने मुख्यमंत्री जी को इस्तीफा भेज दिया है।

भाग्य से ज्यादा इंसान को कुछ नहीं मिलता

चुनाव में अपनों द्वारा साथ दिए नहीं दिए जाने के बयान के सवाल पर रामनिवास रावत ने मीडिया से कहा कि आप खुद जाकर पता कर लीजिये , फिर उन्होंने सँभलते हुए कहा भाग्य से ज्यादा इंसान को कुछ नहीं मिलता, समय जब साथ नहीं होता तो परछाई भी साथ छोड़ देती है।

लोकसभा चुनाव में BJP में शामिल हो गये थे रामनिवास रावत  

आपको बता दें कि रामनिवास रावत को विजयपुर उप चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है जबकि मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा सहित सरकार के कई मंत्रियों ने यहाँ उनके लिए जमकर प्रचार किया था, उन्हें पहली बार विधायक का चुनाव लड़े कांग्रेस प्रत्याशी मुकेश मल्होत्रा ने शिकस्त दी, विशेष बात ये है कि रामनिवास 6 बार कांग्रेस के टिकट पर विजयपुर से विधायक रहे हैं उन्होंने लोकसभा चुनाव के समय कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था और भाजपा में शामिल हो गए थे बाद में उन्होंने विधायकी छोड़ दी जिसके कारण ही विजयपुर में उप चुनाव हुआ था।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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