मध्य प्रदेश को मिला 8वां “रातापानी टाइगर रिजर्व”, सीएम डॉ मोहन यादव ने PM Modi को धन्यवाद दिया

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने इसपर बहुत ख़ुशी जताई है, उन्होंने कहा कि रातापानी टाइगर रिजर्व का प्रकरण 17 साल से उलझा था जिसका निराकरण हमने कर दिया है

Atul Saxena
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CM डॉ. मोहन यादव के मंत्रियों को निर्देश-मंत्री खुद करें उपार्जन केन्द्रों का अवलोकन,

CM Dr Mohan Yadav thanks PM Modi: टाइगर प्रदेश (Tiger State MP) का गौरव हासिल मध्य प्रदेश लगातार बाघ संरक्षण की दिशा में अच्छा काम कर रहा है यही वजह है कि यहाँ Tiger Reserve  की संख्या बढाती जा रही है, ख़ुशी का बात है कि अब मध्य प्रदेश में टाइगर रिजर्व की संख्या 8 हो गई है, 8वें टाइगर रिजर्व के रूप में मध्य प्रदेश को रातापानी टाइगर रिजर्व मिला है, इसके लिए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने पीएम नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया है। 

पिछले 17 साल से चली आ रही लम्बी लड़ाई अब समाप्त हो गई है सरकार ने रातरानी अभ्यारण्य को टाइगर रिजर्व घोषित कर दिया है, इसके लिए सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर दिया है, रातापानी मध्य प्रदेश का 8 वां औ रदेश का 56वां टाइगर रिजर्व बन गया है लेकिन इसकी जो सबसे बड़ी खासियत है वो ये कि देश में किसी भी राजधानी के ये सबसे नजदीक है यानि राजधानी भोपाल की सीमा के ये बहुत नजदीक है।

रातापानी टाइगर रिजर्व के आसपास बढ़ेंगे कई तरह के अवसर 

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने इसपर बहुत ख़ुशी जताई है, उन्होंने कहा कि रातापानी टाइगर रिजर्व का प्रकरण 17 साल से उलझा था जिसका निराकरण हमने कर दिया है, इसके दायरे में तीन जिले भोपाल, सीहोर और रायसेन आएंगे, इसके बनने से इस क्षेत्र के निवासियों को लाभ मिलेगा, रोजगार के अवसर बढ़ेंगे साथ ही अन्य लाभ भी मिलेंगे।        

PM Modi को धन्यवाद दिया, बोले जल्दी एक और टाइगर रिजर्व मिलेगा  

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा कि मध्य प्रदेश में रातापानी 8वां टाइगर रिजर्व है जल्दी ही एक और टाइगर रिजर्व मध्य प्रदेश में बनेगा, सीएम ने कहा कि 90 से ज्यादा बाघ है, सबसे ज्यादा टाइगर पार्क एमपी में  टाइगर स्टेट में व्यवस्थाएं बदल रही है ईको सिस्टम सुधर रहा है जिससे मध्य प्रदेश की साख भी बढ़ रही है।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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