भोपाल।
मुख्यमंत्री कमल नाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई मंत्रि-परिषद की बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।बैठक की ब्रीफिंग जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने की। बैठक में मध्य प्रदेश सरकार की कैबिनेट बैठक में नागरिकता संशोधन कानून को वापस लेने के लिए संकल्प पारित किया गया है। संकल्प में मांग की गई है कि नागरिकता संशोधन अधिनियम को निरस्त किया जाए। इससे पहले केरल, पंजाब, राजस्थान विधानसभा ने सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया था।
इन महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर लगी मुहर
-मंत्रि-परिषद ने मंत्रियों द्वारा दिये जाने वाले स्वेच्छानुदान की राशि में किसी एक प्रकरण के लिए वर्तमान में निर्धारित सीमा राशि 20 हजार रूपये को बढ़ाकर 40 हजार रूपये करने का निर्णय लिया गया। मंत्रि-परिषद ने नगरीय विकास एवं आवास विभाग की योजना ‘विधानसभा भवन एवं विधायक विश्राम गृह का विस्तारण ‘ को निरंतर रखने के लिए सैद्धांतिक स्वीकृति देने की मंजूरी दी।
-मंत्रि-परिषद ने सामाजिक क्षेत्र में नि:शक्त, निर्धनों के लिए उत्कृष्ट कार्य करने वाली संस्थाओं को पुरस्कार के लिए इन्दिरा गाँधी समाजसेवा पुरस्कार 1992 में संशोधन कर पुरस्कार की राशि को एक लाख से बढ़ाकर 10 लाख करने का अनुसमर्थन किया।
-मंत्रि-परिषद ने स्कूल शिक्षा विभाग के अन्तर्गत राज्य स्कूल शिक्षा सेवा (शैक्षणिक संवर्ग) शर्तें एवं भर्ती नियम 2018 में परिवीक्षा अवधि, परिवीक्षा अवधि के वेतनमान एवं आरक्षण नियमों में किये गये संशोधन के प्रस्ताव का अनुसमर्थन किया। इसी प्रकार मध्यप्रदेश जनजातीय एवं अनुसूचित जाति शिक्षण संवर्ग, सेवा एवं भर्ती नियम 2018 में संशोधन करने का निर्णय भी लिया गया।
-मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित राज्य सेवा परीक्षा में संबंधित राज्य सेवा परीक्षा नियम 2015 में भर्ती की प्रक्रिया के संबंध में संशोधन करने का निर्णय लिया और यह संशोधन राज्य सेवा परीक्षा 2019 से लागू करने की मंजूरी दी।
-मंत्रि-परिषद ने शासन के विभिन्न विभागों द्वारा क्रियान्वित की जाने वाली योजनाओं एवं परियोजनाओं, सतत विकास के लक्ष्य, आकांक्षी जिलों तथा विकासखण्डों की निरंतर प्रभावी मॉनीटरिंग के लिए राज्य योजना आयोग में क्रियाशील प्रोजेक्ट मॉनीटरिंग यूनिट का कार्यकाल अगले 5 वर्षों के लिए निरंतर रखने की मंजूरी दी। यूनिट में वर्तमान में कार्यरत सलाहकार एवं कार्यकारी पूर्व में स्वीकृत अवधि 31 मार्च 2020 तक कार्यरत रहेंगे। बैठक में एक अप्रैल 2020 से 31 मार्च 2023 तक की अवधि के लिए 31 पदों पर संविदा आधार पर नियुक्ति करने की मंजूरी दी गयी । इसमें प्रिंसिपल कंसलटेंट का एक, सीनियर कंसलटेंट के 10 और कंसलटेंट के 20 पद शामिल हैं। संविदा आधार पर चयन की प्रक्रिया योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग द्वारा निर्धारित की जायेगी।
-मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में सूचना प्रौद्योगिकी परियोजनाओं के विकास एवं रख-रखाव करने के लिए राज्य स्तर पर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अधीन मैप-आई.टी. अन्तर्गत गठित सेन्टर ऑफ एक्सिलेंस के लिए बढ़ती चुनौतियों एवं इसके सुदृढ़ीकरण को ध्यान में रखते हुये कुल 16 नये पदों के सृजन की मंजूरी दी । सेन्टर ऑफ एक्सीलेंस द्वारा जिन विभागों के लिए कार्य किया जायेगा, उन विभागों से मैप-आई.टी. द्वारा निर्धारित मापदंड अनुसार शुल्क दिये जाने का अनुमोदन किया गया।
— ‘मध्यप्रदेश हाइब्रिड नवकरणीय ऊर्जा एवं एनर्जी स्टोरेज नीति’ लागू करने का निर्णय लिया। यह नीति मध्यप्रदेश राज्य में 3 परियोजनाओं के विकास के लिए लागू की जायेगी। इसमें हायब्रिड पॉवर परियोजना (एच.पी.पी.) में एक परियोजना स्थल पर दो या दो से अधिक नवकरणीय ऊर्जा स्त्रोतों से विद्युत उत्पादन होगा, जिसमें ऊर्जा भण्डारण भी शामिल हो सकता है।
-ऊर्जा भण्डारण परियोजना (ई.एस.पी.) में ऊर्जा स्त्रोतों के साथ अथवा ऊर्जा स्त्रोतों के बगैर, विभिन्न स्टोरेज तकनीकों जैसे मैकेनिकल, केमिकल (बैटरी), कम्प्रेस्ड एयर, हाइड्रोजन, पम्प्ड हाइड्रो स्टोरेज आदि के साथ विकसित की गयी परियोजना और उपरोक्त विधाओं के अन्तर्गत मौजूदा नवकरणीय ऊर्जा परियोजना का विस्तार शामिल है।
–‘मध्यप्रदेश हाइब्रिड नवकरणीय ऊर्जा एवं एनर्जी स्टोरेज नीति’ के अंतर्गत इसके अलावा, नवकरणीय ऊर्जा के मौजूदा परियोजना स्थलों के सह-स्थित या स्टैंड-अलोन एनर्जी स्टोरेज संयंत्र स्थापित किये जा सकते हैं ताकि नवकरणीय ऊर्जा स्त्रोतों का समुचित उपयोग किया जा सके एवं ग्रिड स्थिरता की दिशा में प्रयास किये जा सकें। उपलब्ध अधोसंरचनाओं और नवकरणीय ऊर्जा स्त्रोतों की क्षमताओं के दोहन करने के लिए विभिन्न नवकरणीय ऊर्जा स्त्रोतों के हायब्रिडाईजेशन और विभिन्न प्रकार के ऊर्जा भण्डारण को बढ़ावा देने के लिए एक प्रगतिशील नीति की आवश्यकता प्रतिपादित की गई।
शासकीय संकल्प पारित
मंत्रि-परिषद ने शासकीय संकल्प पारित कर भारत सरकार से नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019 को निरसित करने का आग्रह किया तथा ऐसी नयी सूचनाओं, जिन्हें राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (NPR) 2020 में अद्यतन करने के लिए चाहा गया है, को वापस लेने एवं उसके पश्चात ही राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के अधीन गणना करने का कार्य करने का भी आग्रह किया।