भोपाल। मध्य प्रदेश में राजनीतिक पार्टियों के लिए बागियों ने मुश्किलें बढ़ा रखी है| इसको लेकर भाजपा के खेमे में ज्यादा घबराहट है, यही कारण है कि प्रचार के अंतिम दौर में भी निर्दलीय मैदान में कूदे बागियों को मनाने की भरपूर कोशिश की जा रही है| मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बनी बालाघाट जिले की वारासिवनी सीट पर पार्टी से बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे गौरव पारधी ने मंच से बीजेपी को समर्थन देने का ऐलान कर दिया| हालाँकि यह चर्चा जोरो पर है कि यह समर्थन नहीं था बल्कि जबरन गौरव को उठाया गया और शिवराज ने खुद घर पहुंचकर डरा चमका कर निर्दलीय प्रत्याशी जो रास्ते का रोड़ा बन रहा था उसे किनारा किया गया|
दरअसल, बालाघाट जिले की हाई प्रोफाइल वारासिवनी सीट पर भाजपा और खासतौर से सीएम की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। इस सीट से शिवराज के साले संजय सिंह मसानी चुनाव लड़ रहे हैं, मसानी को यहां से कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी बनाया है। इसलिए यहां सीएम को कमल खिलाना जरुरी हो गया है| लेकिन पार्टी के ही एक बागी गौरव पारधी ने मुश्किलें बढ़ा रखी थी| इससे निपटने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बुधवार को वारासिवनी पहुंचे और सभा में जाने से पहले वह सीधे भाजपा के बागी गौरव पारधी से मिले। इसके बाद मंच पर लाकर भाजपा के प्रत्याशी डॉ. योगेंद्र निर्मल के समर्थन का एलान करा दिया।
वहीं चर्चाओं की माने तो शिवराज ने जबरन डरा धमका कर गौरव पारधी से मंच पर ले जाकर ऐलान करवाया है| सुरक्षाकर्मियों के साथ सीएम ने बालाघाट रोड स्थित कार्यालय से गौरव पारधी को जबरन उठाया और धक्कामुक्की भी की| इस घटना के बाद गौरव के सहयोगी अनीस बेग की तबियत ख़राब हो गई और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया जहाँ उन्होंने मीडिया को पूरे घटनाक्रम की जानकारी देते हुए शिवराज पर आरोप लगाए| एक स्थानीय अखबार के मुताबिक जब पत्रकारों ने उनसे पुछा कि गौरव पारधी ने इस सम्बन्ध में बयान क्यों नहीं दिया तो अनीश बेग का कहना था कि वह डरे हुए हैं, दबाव में उन्होंने समर्थन का ऐलान किया है| फिलहाल मैदान में भाजपा बनाम कांग्रेस और शिवराज बनाम उनके साले मसानी के बीच मुकाबला है| निर्दलीय प्रत्याशी के बीजेपी को समर्थन के ऐलान के बाद सियासी गलियारी में चर्चाओं का बाजार गर्म है, लेकिन कोई भी खुलकर बोलने से बच रहा है|