जैव विविधता प्रबंधन समिति अध्यक्ष के खुलासे के बाद सरकार पर भड़के उमंग सिंघार, बोले- “वन विभाग या वन विनाश विभाग?”

समिति अध्यक्ष की नराजगी और खुलासे पर डीएफओ लोकप्रिय भारती ने भी इसे स्वीकार किया साथ ही उन्होंने भरोसा दिलाया कि ऐसा करने वाले अधिअक्रियों कर्मचारियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी साथ ही माफिया पर नकेल कसी जाएगी

Umang Singhar angry mp government : मध्य प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सरकार पर बड़ा हमला किया है, उन्होंने भोपाल में आयोजित हुई जैव विविधता प्रबंधन समिति की बैठक में हुए खुलासे के बाद सरकार से सवाल किया है कि मध्य प्रदेश में वन विभाग है या वन विनाश विभाग?

दर असल तीन साल पहले गठित जैव विविधता प्रबंधन समिति की पहली बैठक कल भोपाल में आयोजित की गई इसमें समिति के अध्यक्ष एवं जिला पंचायत सदस्य विनय मेहर ने कहा कि जंगल माफिया लगातार जंगल काट रहा है, रात में जंगल कटता है और तड़के लकड़ी से भरी गाड़िया बाहर निकल जाती है ये सब माफिया और वन विभाग के अधिकारियों की सांठगांठ से  हो रहा है।

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बैठक में विनय मेहर ने जो कहा और वो जैसे ही बाहर आया कांग्रेस ने भाजपा सरकार को निशाने पर ले लिया, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने X पर सरकार को घेरते हुए लिखा- “वन विभाग या वन विनाश विभाग?” भोपाल में जैव विविधता प्रबंधन समिति की बैठक में बड़ा खुलासा हुआ है। जिसमें वन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से जंगल माफिया धड़ल्ले से जंगल काट रहे हैं। रातों-रात पेड़ काटे जाते हैं और सुबह-सुबह लकड़ी से भरी गाड़ियाँ गायब हो जाती हैं।

भाजपा की सरकार में ‘हरित भारत’ का नारा सिर्फ दिखावा

समिति के अध्यक्ष और जिला पंचायत सदस्य विनय मेहर ने आरोप लगाया कि उनके पास सबूत हैं कि किस तरह जंगलों को पठारों में बदला जा रहा है।लेकिन सरकार चुप है, विभाग निष्क्रिय है। जिन अफसरों पर जंगलों की रक्षा का जिम्मा है, वही माफिया के साथ मिले हुए हैं। भाजपा की सरकार में ‘हरित भारत’ का नारा सिर्फ दिखावा बनकर रह गया है।

जंगल माफिया पर कार्रवाई कब होगी?

सिंघार ने आगे लिखा-  चौंकाने वाली बात ये है कि जैव विविधता समिति 3 साल पहले बनाई गई थी, लेकिन उसकी पहली बैठक अब हुई,वो भी बिना किसी बजट के। क्या ये सिर्फ जनता को भ्रमित करने के लिए बनाई गई थी? भाजपा सरकार जवाब दे, जंगल माफिया पर कार्रवाई कब होगी? दोषी अफसरों को कब हटाया जाएगा? क्या पर्यावरण संरक्षण सिर्फ जुमला है?

बीजेपी के ‘विकास’ का मतलब है जंगलों का सफाया

कांग्रेस नेता ने लिखा-  पेड़ों के बिना प्रकृति नहीं बचेगी। लेकिन बीजेपी के ‘विकास’ का मतलब है जंगलों का सफाया, माफियाओं की मौज और अफसरों की जेब गर्म करना है। पेड़ ही हमारी आगे की पीढ़ी का भविष्य बचा सकते हैं, पेड़ों की कटाई कर सिर्फ आने वाले भविष्य का नाश हो रहा है।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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