RTE के तहत 83 हजार से अधिक बच्चों को प्राइवेट स्कूल आवंटित, सरकार भरेगी फ़ीस, 2 से 10 जून के बीच लेना होगा एडमिशन

संचालक राज्‍य शिक्षा केन्‍द्र ने बताया कि आरटीई के तहत निजी विद्यालयों में प्रवेश के लिए पारदर्शी और तकनीक आधारित व्यवस्था अपनाई गई है।

राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल में आज गुरुवार को शिक्षा का अधिकार अधिनियम RTE के तहत आयोजित की गई ऑनलाइन  लॉटरी में 83 हजार 483 बच्‍चों को उनकी पसंद के निजी विद्यालयों में नि:शुल्‍क प्रवेश प्राप्‍त हुआ है। विशेष बात ये है  इनमें से 72 हजार 812 बच्‍चे ऐसे हैं जिन्‍हें उनके द्वारा चयनित प्रथम वरीयता वाले स्‍कूलों में प्रवेश मिला है। इन सभी बच्चों की फ़ीस सरकार भरेगी, राज्य शिक्षा केंद्र ने कहा है कि बच्चे उनके आवंटित स्कूलों में 2 से 10 जून 2025 तक प्रवेश ले सकेंगे।

वंचित समूह और कमजोर वर्ग के बच्चों के निःशुल्क प्रवेश के लिये प्रदेश के प्राइवेट स्कूलों में एडमिशन के लिए सीट आवंटन हेतु आज ऑनलाइन लॉटरी निकाली गई, राज्‍य शिक्षा केन्‍द्र के संचालक हरजिंदर सिंह ने लॉटरी के लिए बटन क्लिक किया। इस प्रक्रिया का सीधा प्रसारण राज्‍य शिक्षा केन्‍द्र के यूट्यूब चैनल पर किया गया। हरजिंदर सिंह ने कहा कि देश भर में आरटीई के तहत ऑनलाइन लॉटरी सिस्टम अपनाने वाला अग्रणी राज्य मध्य प्रदेश है।

राज्‍य शिक्षा केन्‍द्र संचालक ने लॉटरी में चयनित बच्चों को उनकी पंसद का स्कूल आवंटित होने पर बधाई दी और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। संचालक ने पारदर्शी ऑनलाइन व्यवस्था के लिए स्कूल शिक्षा विभाग और मध्‍यप्रदेश स्‍टेट इलेक्‍ट्रानिक्‍स डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (MPSEDC) टीम की प्रशंसा भी की।

83 हजार 483 बच्‍चों को उनके द्वारा चयनित स्‍कूलों का आवंटन

राज्‍य शिक्षा केन्‍द्र के मुताबिक इस वर्ष आरटीई के तहत लॉटरी के लिए दस्तावेज सत्यापन के उपरांत एक लाख 66 हज़ार 751 बच्चे पात्र मिले। जिनमें से 83 हजार 483 बच्‍चों को उनके द्वारा चयनित स्‍कूलों का आवंटन किया गया है। इनमें से 43 हजार 363 बालक एवं 40 हजार 120 बालिकाएं हैं। जिन्हें आज इस ऑनलाइन लॉटरी मे शामिल करते हुये रेंड़म पद्वति से स्कूल का आवंटन किया गया है।

मोबाइल पर मिलेगी सीट आवंटन की सूचना 

जिन बच्चों को स्कूल का आवंटन हो रहा है, उन्हें उनके पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एसएमएस के माध्‍यम से भी सूचना दी जा रही है। बच्चे उनके आवंटित स्कूलों में 2 से 10 जून 2025 तक जाकर प्रवेश ले सकेंगे। इन बच्चों की फीस राज्य सरकार द्वारा नियमानुसार सीधे स्कूल के खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर की जाएगी। 

गरीबी रेखा से नीचे वाले परिवारों के लगभग एक लाख से अधिक बच्चों को एडमिशन 

यूट्यूब लाइव सत्र के दौरान संचालक राज्‍य शिक्षा केन्‍द्र हरजिंदर सिंह ने निजी विद्यालयों में नि:शुल्‍क प्रवेश हेतु पात्र विभिन्‍न श्रेणियों की बच्‍चों की जानकारी देते हुए बताया कि सबसे अधिक संख्‍या में विभिन्‍न श्रेणियों के गरीबी रेखा से नीचे वाले परिवारों के लगभग एक लाख 12 हजार से अधिक बच्‍चों के आवेदन लॉटरी प्रक्रिया के लिये पात्र हुए हैं।

प्राइवेट स्कूल की न्यूनतम 25 प्रतिशत सीटों पर निःशुल्क प्रवेश का प्रावधान

उल्‍लेखनीय है कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम की धारा 12 (1) (C) के अंतर्गत, गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय विद्यालयों में, वंचित समूह एवं कमजोर वर्ग के बच्चों को कक्षा-1 या प्री-स्कूल की प्रथम प्रवेशित कक्षा में न्यूनतम 25 प्रतिशत सीटों पर निःशुल्क प्रवेश का प्रावधान है। इसके लिए मध्‍यप्रदेश में पूर्णत: पारदर्शी प्रक्रिया के तहत आवेदन एवं शाला आवंटन ऑनलाइन तरीके से किया जाता है।

72 हजार 812 बच्‍चों को उनकी प्रथम वरीयता का स्कूल मिला 

  • ऑनलाइन लॉटरी में इनमें से 72 हजार 812 बच्‍चों को उनकी प्रथम वरीयता (फर्स्‍ट चॉइस) के स्‍कूलों का आवंटन हुआ।
  • 5 हजार 646 बच्चों को द्वितीय वरीयता के स्‍कूल मिले।
  • 2 हजार 665 को तृतीय वरीयता के स्‍कूलों का आवंटन हुआ।
  • 924 छात्र छात्राओं को चतुर्थ वरीयता के स्‍कूल मिले।
  • 555 को पांचवीं वरीयता के स्‍कूलों का आवंटन।
  • 298 को छटवीं वरीयता के स्‍कूलों का आवंटन हुआ।
  • 235 को सातवीं वरीयता के स्‍कूलों में एडमिशन मिला।
  • 157 को आठवीं वरीयता के स्‍कूल मिले।
  • 90 को नवीं वरीयता के स्‍कूलों का प्रवेश मिला।
  • 101 को उनकी दसवीं वरीयता के स्‍कूलों का आवंटन हुआ है।

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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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