भोपाल। मुख्यमंत्री कमलनाथ एवं कांग्रेस के खिलाफ सोशल मीडिया पर लगातार पोस्ट करने पर आरटीआई विभाग के अध्यक्ष अजय दुबे को कांग्रेस ने हटा दिया है। पार्टी ने बयान जारी कर कहा था कि दुबे को निकाला गया है। अब इस मामले ने एक बार फिर तूल पकड़ लिया है। दुबे ने कांग्रेस पर पलटवार किया है। उन्होंंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर लिखा है कि कांग्रेस के आरोप बेबुनियाद हैं। उन्हें निकाला नहीं गया है बल्की उन्होंने खुद पार्टी से किनारा कर लिया था।
उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा है कि, ” मुख्यमंत्री कमलनाथ को गुस्सा इसलिए आया क्योकि मैंने दम ठोक कर मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव अशोक वर्णवाल सहित प्रमुख सचिव मनोज गोविल और प्रमुख सचिव पल्लवी जैन गोविल के भ्रस्टाचार की रिपोर्ट उनको कार्यवाही हेतु भेजी छत्तीसगढ़ के बस्तर में पदस्थापना के दौरान अशोक वर्णवाल सहित अन्य दोनो अधिकारियों पर शिक्षाकर्मियों की भर्ती में भ्रस्टाचार का गंभीर आरोप प्रमाणित हुआ था। छग सरकार ने 2008 में कार्यवाही के लिए मप्र सरकार को लिखा लेकिन पूर्व शिवराज सरकार ने दोषियों को बचाया और अब कमलनाथ सरकार बचा रही है।”
गौरतलब है कि प्रदेश कांग्रेस कार्यालय प्रभारी चंद्रप्रभाष शेखर ने कहा है था कि दुबे पार्टी के खिलाफ सोशल मीडिया पर पार्टी विरोधी पोस्ट डाल रहे थे। पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने पर अनुशासनहीनता के चलते उन्हें पद से मुक्त कर दिया है। दुबे का कहना है कि उनकी नियुक्ति अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने की थी और वे 21 फरवरी 2019 को विधि और आरटीआई विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष विवेक तन्खा को अपना इस्तीफा भेज चुके हैं। विधानसभा चुनाव के पहले दुबे को आरट���आई विभाग का अध्यक्ष बनाया था। इससे पहले 2009 लोकसभा चुनाव के दौरान दुबे कांग्रेस के आरटीआई विभाग में शामिल हुए थे और फिर निष्क्रिय हो गए थे। सालों तक वे भाजपा सरकार के खिलाफ आरटीआई एक्टिविस्ट के रूप में काम करते रहे।