Sahara india : इस लूट को किसकी छूट! कांग्रेस ने लपका मुद्दा

Pooja Khodani
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। सहारा इंडिया कंपनी (Sahara India Company) की धोखाधड़ी के खिलाफ जबलपुर में कांग्रेस बड़ा आंदोलन करने जा रही है। इसके तहत कांग्रेस 25 अक्टूबर को सहारा द्वारा ठगे गई निवेशकों के साथ कलेक्ट्रेट तक पैदल मार्च करेगी। दरअसल तमाम शिकायतों के बावजूद अभी तक प्रशासन या पुलिस ने सहारा के खिलाफ कोई प्रभावी कार्यवाही नहीं की है।

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सहारा इंडिया कंपनी की विभिन्न सोसाइटियों के माध्यम से निवेशकों के साथ की गई धोखाधड़ी के मामले देश सहित पूरे प्रदेश भर में सामने आ रहे हैं। अब तक सहारा प्रमुख सुब्रतो राय पर पूरे देश भर में लगभग एक सैकड़ा मामले दर्ज हो चुके हैं। बावजूद इसके कंपनी निवेशकों का भुगतान करने का नाम नहीं ले रही। अकेले जबलपुर की बात करें तो कांग्रेस नेता सौरव शर्मा नाटी का दावा है कि पूरे जिले भर में लगभग 300000 निवेशकों के 700 करोड़ रुपए से ज्यादा सहारा हड़प गया।

दरअसल अपनी विभिन्न सोसायटियो के माध्यम से सहारा ने निवेशकों को यह भरोसा दिलाया था कि यदि वे इन योजनाओं में निवेश करते हैं तो निश्चित समय के बाद उन्हें एक अच्छी खासी राशि मिलेगी। लेकिन परिपक्वता अवधि होने के बाद भी सहारा लोगों के पैसे नहीं लौटा रहा जिसके कारण कई लोग परेशान हो रहे हैं। लेकिन इस पूरे मामले में जबलपुर जिला प्रशासन और पुलिस की भूमिका भी संदिग्ध नजर आती है कि आखिरकार तमाम शिकायतों के बावजूद कंपनी के खिलाफ कोई कड़ी कार्यवाही नहीं की गई।

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जबलपुर स्थित पैरा बैंकिंग का ऑफिस आज भी लगातार खुला हुआ है और लोगों से पैसे निवेश करा रहा है। अब बैठे-बिठाए कांग्रेस  (mp congress) के हाथों में यह मुद्दा सौंपकर पुलिस प्रशासन ने न केवल मुख्यमंत्री (MP CM) के चिटफंडयों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के आदेश की अवहेलना की है बल्कि राजनीतिक रूप से बीजेपी को नुकसान ही पहुंचाया है।

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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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