सहारा जमीन घोटाले में शिकायतकर्ता ने EOW में दर्ज कराये अपने बयान, कुछ नए तथ्य भी बताये

सर्वोच्च न्यायालय ने यह निर्देश दिए थे कि जमीन बेचने से प्राप्त राशि को बांद्रा मुंबई के सेबी स्थित अकाउंट में जमा कराया जाए जिससे उस पैसे को गरीब निवेशकों को वापस लौटाया जा सके।

Atul Saxena
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Sahara land scam Complainant recorded his statement in EOW: सहारा इंडिया जमीन घोटाले से जुड़े मामले की जाँच ईओडब्ल्यू कर रही है, पिछले दिनों आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरो ने इस मामले से जुड़े सभी पक्षकारों को नोटिस जारी किये थे जिसमें भाजपा विधायक संजय पाठक की कम्पनियों के जिम्मेदारों, सहारा से जुड़े जिम्मेदारों और शिकायतकर्ता शामिल थे, आज EOW के नोटिस पर शिकायतकर्ता आशुतोष मनु दीक्षित ईओडब्ल्यू कार्यालय पहुंचे और बयान दर्ज कराये। 

आशुतोष मनु दीक्षित ने ईओडब्ल्यू अधिकारियों को अपनी शिकायत से संबंधित  सभी दस्तावेज और उससे जुड़े प्रमाण सौंपे और अपने बयान दर्ज कराए, शिकायतकर्ता ने आरोप लगाये हैं कि सहारा  से जुड़े लोगों ने करोड़ों की जमीनें बहुत सस्ते में संजय पाठक की कम्पनियों को बेच दी इतना ही नहीं इसमें सुप्रीम कोर्ट के आदेश का भी उल्लंघन किया गया।

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शिकायतकर्ता ने लगाये ये आरोप 

शिकायतकर्ता आशुतोष मनु दीक्षित ने कहा 1000 करोड रुपए की जमीन को मात्र 98 करोड रुपए में बेच दिया गया,
जमीन बेचने के मामले में सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का भी पालन नहीं किया गया। सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार जमीन बेचने के बाद जो पैसा मिले उस जॉइंट अकाउंट में जमा होना था उसे शहर की दूसरी कंपनियों में जमा किया गया, भोपाल जबलपुर और कटनी में सहारा की जमीन को मिट्टी के मोल बेच दिया गया।

निवेशकों के साथ धोखा किया गया 

मीडिया से बात करते हुए शिकायतकर्ता ने कहा सहारा की जमीन को बेचने के बाद भी सहारा में निवेश करने वालों को पैसा नहीं मिला, निवेशकों के साथ धोखा किया गया उन्होंने कहा कि मेरे साथ संजय पाठक और उनकी कंपनी के पदाधिकारी को भी नोटिस भेजा गया है ।

सुप्रीम कोर्ट और सेबी ने दिए थे ये निर्देश 

आपको बता दें 2014 में सुप्रीम कोर्ट और सेबी द्वारा सहारा समूह को निवेशकों की राशि लौटाने के लिए कंपनी की संपत्ति बेचने की अनुमति दी गई थी। सर्वोच्च न्यायालय ने यह निर्देश दिए थे कि जमीन बेचने से प्राप्त राशि को बांद्रा मुंबई के सेबी स्थित अकाउंट में जमा कराया जाए जिससे उस पैसे को गरीब निवेशकों को वापस लौटाया जा सके।लेकिन मध्य प्रदेश में स्थित सहारा ग्रुप की जमीनों को मिलीभगत कर सहारा ग्रुप के अधिकारियों ने भाजपा विधायक संजय पाठक की कम्पनियों को सस्ती कीमत पर बेच कर बड़ा अपराध किया है।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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