BHOPAL NEWS : राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने शहीदों के परिजनों को भरोसा दिलाया कि मैं, प्रदेश की जनता,पुलिस प्रशासन और सम्पूर्ण समाज आपके साथ है। समाज में शांति सद्भाव और भाईचारे के वातावरण को मजबूत रखने से ही विकास का मार्ग प्रशस्त होगा। उन्होंने कहा कि पुलिस असामाजिक तत्व एवं राष्ट्र द्रोही ताकतों का पूरी कठोरता के साथ दमन करें। यह भी सुनिश्चित करें कि आमजन स्वयं को सुरक्षित महसूस करें। कभी किसी निर्दोष के साथ अन्याय नहीं हो। राज्यपाल मंगूभाई पटेल पुलिस स्मृति दिवस कार्यक्रम में लाल परेड मैदान स्थित शहीद स्मारक प्रांगण में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने देश और प्रदेश के सभी शहीद पुलिस अधिकारियों और जवानों को श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस, अपर मुख्य सचिव गृह डॉ राजेश राजौरा भी मौजूद थे।
पुलिस समाज का अभिन्न अंग
राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने पुलिस बल का आव्हान किया कि अपने अमर शहीद साथियों की शहादत से प्रेरणा लेकर अपने कर्तव्यों का पालन करें। पुलिस समाज का अभिन्न अंग है। उसकी सक्रिय भागीदारी के साथ ही विकास की सोच फलीभूत हो सकती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश पुलिस की उपलब्धियाँ सराहनीय है। प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति को सुदृढ़ बनाये रखने के लिये सराहनीय प्रयास किये जा रहे हैं। इन प्रयासों को और बेहतरी के साथ जारी रखना होगा। अपराधों की त्वरित विवेचना और अपराधियों को सजा दिलाने में वृद्धि प्रदेश पुलिस की सक्रियता से ही संभव हुई है। यह गर्व की बात है कि मध्यप्रदेश पुलिस की गणना देश के श्रेष्ठ बलों में की जाती है, जो पहचान पुलिस के जांबाज जवानों ने स्थापित की है। उसे और अधिक निखारने की दिशा में सदैव तत्पर रहें।
अमर शहीदों का ”देशभक्ति-जनसेवा’ के लिए प्राणोत्सर्ग
पुलिस महानिदेशक सुधीर सक्सेना ने कहा कि पुलिस स्मृति दिवस देश की अंखडता को चिरस्मरणीय बनाने का दिन है। अमर शहीदों का ”देशभक्ति-जनसेवा’ के लिए प्राणोत्सर्ग सदैव हमारे कर्तव्यपथ को अलोकित करता रहेगा। उन्होंने शहीदों के बलिदान को नमन करते हुए बताया कि पुलिस शहीद दिवस लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स में 16 हजार फीट की ऊँचाई पर 21 अक्टूबर 1959 को केन्द्रीय आरक्षी पुलिस बल (सी.आर.पी.एफ.) के 10 जवान चीनी सेना के साथ मुठभेड़ में शहीद हो गए थे। उन्ही की स्मृति में देश की समस्त पुलिस इकाईयों द्वारा प्रतिवर्ष यह दिवस मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष हमारे प्रदेश पुलिस के 17 जवानों ने देश के लिए अपनी शहादत दी है।
इस साल शहीद हुए पुलिसकर्मी
शहीद कर्मियों में कार्यवाहक निरीक्षक स्व. श्री राजाराम वास्कले, उप निरीक्षक स्व. श्री भूपेन्द्र सिंह गुर्जर, सहायक उप निरीक्षक स्व.श्री कन्हैयालाल भालसे, सहायक उप निरीक्षक स्व. श्री जसवंत कुमार तेकाम, कार्यवाहक सहायक उप निरीक्षक स्व. श्री रामजस शर्मा, कार्यवाहक सहायक उप निरीक्षक स्व. श्री कन्हैयालाल वास्कले, प्रधान आरक्षक स्व.श्री छोटेलाल बघेल, प्रधान आरक्षक स्व.श्री चंपालाल सिलाले, कार्यवाहक प्रधान आरक्षक स्व.श्री भानु प्रताप भदौरिया, कार्यवाहक प्रधान आरक्षक स्व.श्री राधेश्याम सिरसाठे, आरक्षक स्व.श्री सुरेन्द्र सिंह गौंड, आरक्षक स्व.श्री उपेन्द्र सिंह दांगी, आरक्षक (ट्रेड) स्व.श्री पंकज मिश्रा, आरक्षक स्व.श्री रामप्रसाद, आरक्षक स्व.श्री जगदीश हाडा, आरक्षक स्व.श्री गजानन अटवाड़े, आरक्षक स्व.श्री खुमान भिलाला एवं आरक्षक स्व.श्री रविकान्त सविता शामिल हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस स्मृति दिवस पर हम सब अपने इन साथियों को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं। साथ ही उनके परिजनों को आश्वस्त करना चाहते हैं कि आप सब हमारे पुलिस परिवार का हिस्सा हैं तथा सदैव बने रहेंगे।
शहीदों के परिजनों से मुलाकात
कार्यक्रम के दौरान पुलिस बैंड द्वारा निकाली जा रही देशभक्ति के गीतों की मधुर धुन के बीच शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई। इसके अलावा विशेष पुलिस महानिदेशक अरविन्द कुमार, राजेश चावला, विपिन माहेश्वरी, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक फरीद शापू, विजय कटारिया, रवि कुमार गुप्ता, चंचल शेखर, आदर्श कटियार, जी जर्नादन, अनिल कुमार, योगेश मुद्गल, आलोक रंजन, संजीव शमी, योगेश देशमुख, जयदीप प्रसाद, पुलिस आयुक्त हरिनारायण चारी मिश्रा, पुलिस उप महानिरीक्षक नवनीत भसीन, सेनानी 7 वीं वाहिनी अतुल सिंह सहित सभी वरिष्ठ अधिकारियों ने भी पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। आरंभ में पाल-बेयरर पार्टी द्वारा सम्मान सूची को स्मारक कोष में स्थापित किया गया और शहीद स्मारक को सलामी दी गई। आयोजित परेड का नेतृत्व भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी श्री शियाज के.एम. ने किया। परेड में जिला बल की महिला प्लाटून, विशेष सशस्त्र बल की पुरूष प्लाटून, जिला पुलिस बल की पुरूष प्लाटून, होमगार्ड प्लाटून, पाल बेयरर, कलर पार्टी, पुलिस बैंड प्लाटून, अश्वरोही दल और श्वान दल की टुकड़ियाँ शामिल थी। अंत में राज्यपाल महोदय एवं वरिष्ठ अधिकारियों ने शहीदों के परिजनों से मुलाकत भी की।