भोपाल।
नई सरकार के आते ही आरक्षण के मुद्दे को लेकर अस्तित्व में आई सपाक्स के तेवर अब बदलने लगे है।पूरे साल शिवराज सरकार को घेरने वाली सपाक्स ने कमलनाथ सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने से इंकार कर दिया है।सपाक्स ने फैसला किया है कि अब वह कमलनाथ से मिलकर पदोन्नति में आरक्षण को लेकर सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में लगाई गई एसएलपी वापस लेने की मांग करेगी।
दरअसल, आरक्षण और एट्रोसिटी एक्ट के खिलाफ सपाक्स (सामान्य, पिछड़ा, अल्पसंख्यक वर्ग समाज संस्था) ने भी इस बार 230 सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ा था।लेकिन वह कामयाब नही हो पाई। सपाक्स को एक भी सीट नही मिली, हालांकि इन दोनों मुद्दों से भाजपा को भारी नुकसान उठाना पड़ा। ग्वालियर-चंबल में इसका सबसे ज्यादा असर देखने को मिला और भाजपा को करीब 20 सीटों का नुकसान हुआ।ऐसे में सारे साल इन दो मुद्दों पर भाजपा को चौतरफा घेरने वाली सपाक्स अब कांग्रेस के सत्ता में आते ही पीछे हट रही है। सपाक्स ने फैसला किया है कि वह कमलनाथ सरकार का विरोध नही करेगी। इसके विपरित वह कमलनाथ से मिलकर पदोन्नति में आरक्षण को लेकर सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में लगाई गई एसएलपी वापस लेने का अनुरोध करेगी।
इस संंबंध में संस्था के पदाधिकारी शपथग्रहण समारोह के बाद प्रदेश के नए मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात करेंगे।इसके साथ ही प्रदेश के कर्मचारियों को पदोन्नति देने, बैकलॉग पदों की समीक्षा कर सामान्य, पिछड़ा, अल्पसंख्यक वर्ग के डेढ़ लाख खाली पदों को भरने, संविदा कर्मचारियों को नियमित करने और सामान्य प्रशासन विभाग में की गई वर्ग विशेष के अधिकारियों-कर्मचारियों की संविदा नियुक्ति समाप्त करने की मांग करेंगे।वह कर्मचारियों में आरक्षण को फैली आग को भी खत्म करने का प्रय़ास किया जाएगा।