MP News: मध्य प्रदेश में लोकायुक्त की नियुक्ति के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाने से इंकार कर दिया है। हालांकि, कोर्ट की तरफ से सरकार को नोटिस लोकायुक्त की नियुक्ति की फाइल की मांग की गई है, जिसका जवाब दो हफ्तों मांगा गया है। दरअसल, विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार की तरफ से लोकायुक्त की नियुक्ति को अवैध बताते हुए SC में याचिका दायर की गई थी।
याचिका पर शुक्रवार को हुई सुनवाई
विधानसभा नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर लोकायुक्त की नियुक्ति पर रोक लगाने की मांग की थी। इस दौरान उन्होंने लोकायुक्त सत्येंद्र कुमार की नियुक्ति को नियमों के खिलाफ बताया था। इसके अलावा उन्होंने यह भी इल्जाम लगाया था कि बिना सूचित किए सरकार ने नियुक्ति की है। इसी मामले को लेकर आज शुक्रवार को SC में सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने फिलहाल के लिए लोकायुक्त की नियुक्ति पर रोक लगाने से मना कर दिया है, लेकिन सरकार को नोटिस देकर दो सप्ताह में नियुक्ति के मामले में जवाब मांगा है।
10 मार्च को हुई थी लोकायुक्त की नियुक्ति
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के तत्कालीन लोकायुक्त एनके गुप्ता का कार्यकाल 17 अक्टूबर को ही पूरा हो गया था। फिर भी सरकार द्वारा नए लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं की गई थी। लेकिन लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों के ऐलान और आचार संहिता के लगने के पहले ही 10 मार्च को लोकायुक्त के रूप में सत्येंद्र कुमार की नियुक्ति की गई थी। सत्येंद्र कुमार को महामहिम राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने शपथ दिलवाया था।
ये हैं सत्येंद्र कुमार सिंह
आपको बता दें जस्टिस सत्येंद्र कुमार की नियुक्ति मप्र लोकायुक्त और उप लोकायुक्त अधिनियम, 1981 के मुताबिक की गई है। जस्टिस सत्येंद्र कुमार राजधानी भोपाल के जिला न्यायालय के एडीजे रह चुके हैं।