भोपाल| कोरोना संकटकाल के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जल्द ही मंत्रिमंडल का गठन करेंगे| सीएम पद की शपथ लेने के बाद से शिवराज पर कैबिनेट गठन को लेकर दबाव बना हुआ है| विपक्षी नेता इसको लेकर सरकार की घेराबंदी में जुटे हुए है| शिवराज कैबिनेट में अनुभव के साथ-साथ सिंधिया खेमे के नेताओं को भी मौका मिल सकता है| कई पूर्व मंत्रियों का इस बार पत्ता कट होने के संकेत हैं|
दरअसल, शिवराज सिंह चौहान सीएम पद की शपथ लेने के बाद से ही कोरोना नियंत्रण के कार्य में जुट गए| जिसके चलते मंत्रिमंडल गठन का फैसला लगातार आगे बढ़ता चला गया| अब संभावना है कि इसी हफ्ते शिवराज अपनी टीम चुन सकते हैं और सादगी और शारीरिक दूरी सहित कोरोना से बचाव के सभी जरूरी उपायों को अपनाते हुए नए मंत्रिमंडल का गठन हो सकता है। मंत्रिमंडल में संतुलन बनाना शिवराज के लिए चुनौती होगी|
सिंधिया समर्थक बनेंगे मंत्री
मंत्री बनने की स्तिथि जो पिछली कमलनाथ सरकार में रही थी, वहीं अब शिवराज सरकार में भी है| क्यूंकि सत्ता वापसी में मुख्य भूमिका में रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक नेताओं को संतुलन बनाने के लिए मौक़ा देना जरूरी होगा| सिंधिया समर्थक 22 कांग्रेस विधायकों ने अपने इस्तीफे सौंपकर 15 महीने पुरानी कमल नाथ सरकार को अल्पमत में ला दिया था| इसके अलावा निर्दलीय और सपा-बसपा को भी मौका मिल सकता है| मंत्रिमंडल में अधिकतम मुख्यमंत्री सहित 35 सदस्य रह सकते हैं। लेकिन फिलहाल एक दर्जन के लगभग मंत्री बनाये जा सकते हैं| कोरोना संकट ख़त्म होने के बाद शिवराज मंत्रिमंडल विस्तार कर अन्य को मौक़ा दे सकते हैं|
शिवराज की नई टीम में पुराने चेहरे भी दावेदार
शिवराज की नई टीम में शामिल होने के लिए कई पुराने चेहरे भी इस बार दावेदारों की कतार में हैं। वहीं सिंधिया समर्थकों में छह नेता कमल नाथ सरकार में मंत्री थे। संभवतः शिवराज सरकार में भी इन्हे वापसी कराने का आश्वासन दिया गया है। इनमें डॉ. प्रभुराम चौधरी, गोविंद सिंह राजपूत, तुलसी सिलावट, प्रद्युम्न सिंह तोमर, महेंद्र सिंह सिसोदिया और इमरती देवी शामिल हैं। इनके अलावा संभवतः बिसाहूलाल सिंह, हरदीप सिंह डंग, राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव और एदल सिंह कंषाना की भी नए मंत्रिमंडल में ताजपोशी हो सकती है। इसके अलावा मंत्रिमंडल में खासतौर पर उपचुनाव वाले क्षेत्रों का भी ख्याल रखा जाएगा।