ट्रोल आर्मी के निशाने पर सीनियर एडवोकेट,जारी किया बयान

Gaurav Sharma
Published on -

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, राज्यसभा सांसद और सीनियर एडवोकेट विवेक तंखा ने एक वीडियो जारी किया है। इसमें उन्होंने पंचायत चुनाव मे ओबीसी आरक्षण के बारे में बीजेपी द्वारा दिए जा रहे बयानों को सिरे से खारिज किया है। “मैं तो खुद ओबीसी वर्ग का वकील हूं, फिर उनका विरोध क्यों करूंगा।” यह कहना है देश के जाने माने अधिवक्ता और राज्यसभा से कांग्रेस के सांसद विवेक तंखा का। दरअसल शनिवार की सुबह से ही विवेक तंखा के खिलाफ बीजेपी आरोप लगा रही है कि ओबीसी वर्ग को पंचायत में मिल रहे आरक्षण का तनखा ने विरोध किया इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण रद्द करने का आदेश दे दिया।

दरअसल गुना शिवपुरी से भाजपा सांसद कृष्णपाल सिंह यादव ने एक ट्वीट किया था और ट्वीट में लिखा था कि “कांग्रेस नेता विवेक तंखा ने पैरवी करते हुए पंचायत चुनाव में ओबीसी वर्ग के अधिकारों पर रोक लगवा दी।” इसके बाद बीजेपी नेता डा.हितेश वाजपेई ने भी विवेक तंखा सहित कांग्रेस पर लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगाया था। तंखा का कहना है कि मेरी कोई भी याचिका ओबीसी वर्ग के विरुद्ध न कभी थी और ना कभी है। उन्होंने कहा है कि मैं तो खुद ओबीसी वर्ग का वकील हूं और कुछ दिन पहले ही उनके पक्ष में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए खड़ा हुआ था।

यह भी पढ़ें…MPPSC : मेडिकल ऑफिसर-2021 के 576 पदों पर इंटरव्यू की तारीखों की घोषणा

तंखा ने साफ किया है कि हमारी याचिका रोटेशन के खिलाफ और सभी वर्गों के हित में थी और एक संवैधानिक अनिवार्यता थी। तंखा ने अपने बयान के माध्यम से यह बताने की कोशिश की है कि दरअसल उनकी यानि तंखा के द्वारा दायर की गई याचिका में मध्यप्रदेश में पंचायत चुनावों में वर्तमान में लागू रोटेशन प्रक्रिया को चुनौती दी गई थी जिसकी सुनवाई अभी आने वाले समय में होगी। लेकिन इस बीच महाराष्ट्र सरकार के एक फैसले के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट में ओबीसी आरक्षण पर भी एक फैसला सुना दिया और मध्य प्रदेश सरकार और एईसी यानी स्टेट इलेक्शन कमीशन के वकील, जो कोर्ट में उपस्थित थे, उन्होंने तथ्य कोर्ट के सामने नहीं रखें इसलिए सुप्रीम ने ओबीसी आरक्षण निरस्त करने का फैसला सुनाया जो मध्यप्रदेश में भी लागू हो गया।


About Author
Gaurav Sharma

Gaurav Sharma

पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

Other Latest News