भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, राज्यसभा सांसद और सीनियर एडवोकेट विवेक तंखा ने एक वीडियो जारी किया है। इसमें उन्होंने पंचायत चुनाव मे ओबीसी आरक्षण के बारे में बीजेपी द्वारा दिए जा रहे बयानों को सिरे से खारिज किया है। “मैं तो खुद ओबीसी वर्ग का वकील हूं, फिर उनका विरोध क्यों करूंगा।” यह कहना है देश के जाने माने अधिवक्ता और राज्यसभा से कांग्रेस के सांसद विवेक तंखा का। दरअसल शनिवार की सुबह से ही विवेक तंखा के खिलाफ बीजेपी आरोप लगा रही है कि ओबीसी वर्ग को पंचायत में मिल रहे आरक्षण का तनखा ने विरोध किया इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने आरक्षण रद्द करने का आदेश दे दिया।
दरअसल गुना शिवपुरी से भाजपा सांसद कृष्णपाल सिंह यादव ने एक ट्वीट किया था और ट्वीट में लिखा था कि “कांग्रेस नेता विवेक तंखा ने पैरवी करते हुए पंचायत चुनाव में ओबीसी वर्ग के अधिकारों पर रोक लगवा दी।” इसके बाद बीजेपी नेता डा.हितेश वाजपेई ने भी विवेक तंखा सहित कांग्रेस पर लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगाया था। तंखा का कहना है कि मेरी कोई भी याचिका ओबीसी वर्ग के विरुद्ध न कभी थी और ना कभी है। उन्होंने कहा है कि मैं तो खुद ओबीसी वर्ग का वकील हूं और कुछ दिन पहले ही उनके पक्ष में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए खड़ा हुआ था।
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तंखा ने साफ किया है कि हमारी याचिका रोटेशन के खिलाफ और सभी वर्गों के हित में थी और एक संवैधानिक अनिवार्यता थी। तंखा ने अपने बयान के माध्यम से यह बताने की कोशिश की है कि दरअसल उनकी यानि तंखा के द्वारा दायर की गई याचिका में मध्यप्रदेश में पंचायत चुनावों में वर्तमान में लागू रोटेशन प्रक्रिया को चुनौती दी गई थी जिसकी सुनवाई अभी आने वाले समय में होगी। लेकिन इस बीच महाराष्ट्र सरकार के एक फैसले के संदर्भ में सुप्रीम कोर्ट में ओबीसी आरक्षण पर भी एक फैसला सुना दिया और मध्य प्रदेश सरकार और एईसी यानी स्टेट इलेक्शन कमीशन के वकील, जो कोर्ट में उपस्थित थे, उन्होंने तथ्य कोर्ट के सामने नहीं रखें इसलिए सुप्रीम ने ओबीसी आरक्षण निरस्त करने का फैसला सुनाया जो मध्यप्रदेश में भी लागू हो गया।