MP Breaking News
Mon, Dec 22, 2025

शहडोल का सकंदी सरकारी हाई स्कूल मरम्मत मामला, शिक्षा मंत्री ने दिए जांच के आदेश, दोषियों पर होगी कड़ी कार्रवाई

Written by:Sushma Bhardwaj
Published:
शासकीय विद्यालयों में रंग रोगन का कार्य किया गया जिसमें 24 लीटर पेंट के लिए 443 लेबर और 215 मिस्त्री से काम कराया गया। यानी कुल मिलाकर 24 लीटर पेंट (कलर) को पोतने के लिए 658 लोग लगे, जिसका भुगतान स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से लगभग 3 लाख 38 हजार रुपए किया गया है।
शहडोल का सकंदी सरकारी हाई स्कूल मरम्मत मामला, शिक्षा मंत्री ने दिए जांच के आदेश, दोषियों पर होगी कड़ी कार्रवाई

Uday Pratap Singh

स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने शहडोल जिले के ब्यौहारी के सकंदी सरकारी हाई स्कूल में शाला की मरम्मत के मामले में अनियमितता का प्रकरण सामने आने पर दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिये हैं। स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि सुशासन वाली सरकार में किसी भी तरह की अनियमितता या गड़बड़ी को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।

दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई 

स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा कि उनके संज्ञान में शहडोल जिले के एक सरकारी हाई स्कूल में मरम्मत के दौरान अनियमितता का मामला उनके संज्ञान में आया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए उन्होंने स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव और आयुक्त लोक शिक्षण को प्रकरण की तत्काल जाँच करने के निर्देश दिये हैं। जाँच के बाद दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जायेगी।

यह था मामला 

दरअसल सुधाकर कंस्ट्रक्शन द्वारा द्वारा दिए गए बिल के मुताबिक जनपद पंचायत ब्यौहारी के दो शासकीय विद्यालयों में रंग रोगन का कार्य किया गया जिसमें 24 लीटर पेंट के लिए 443 लेबर और 215 मिस्त्री से काम कराया गया। यानी कुल मिलाकर 24 लीटर पेंट (कलर) को पोतने के लिए 658 लोग लगे, जिसका भुगतान स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से लगभग 3 लाख 38 हजार रुपए किया गया है। जब जाँच हुई तो सामने आया कि विद्यालय के रंग रोगन जो कागजी तौर पर किया गया उसपर प्राचार्य व जिला शिक्षा अधिकारी ने आंख मूंदकर उसमें अपना मुहर लगा दी, इस पूरे लीपापोती भूचाल तब आया जब पेंट (कलर) करने के लिए किए गए भुगतान का बिल सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो गया। जिससे पूरे प्रदेश में चर्चओं का बाजार गर्म हो गया।

जरा से काम के लिए लगे बड़ी संख्या में मजदूर और लाखों का भुगतान 

ब्यौहारी जनपद स्थित सकंदी हाई स्कूल में पेंट (कलर) के लिए 400 रुपए की दर से 168 मजदूरों को 67,200 रुपए, 600 रुपए की दर से 65 मिस्त्री को 39,000 रुपए और 196 रुपए प्रति लीटर की दर से 4 लीटर ऑयल पेंट का 784 रुपए भुगतान किया गया। इसमें गौरतलब है कि दीवार पर पेंट करने के लिए 168 मजदूरों और 65 मिस्त्रियों को काम पर लगाया गया। जिसका कुल भुगतान 1,06,984 रुपये शिक्षा विभाग द्वारा किया गया। उच्चतर माध्यमिक विद्यालय निपानिया में 20 लीटर पेंट (कलर) खरीदा गया। जिससे विद्यालय भवन का रंगरोगन 275 मजदूर और 150 मिस्त्रियों के द्वारा किया। इन सभी को कुल 2,31,650 रुपये राशि का भुगतान किया गया। खर्च किए राशि में विद्यालय भवन के दरवाजे और खिड़कियों का रंगरोगन भी शामिल हैं।

कलर हुआ नहीं, लेबर लगी नहीं, कर दिया भुगतान

मजे कि बात यह हैं कि इस 2 विद्यालय कि लीपापोती में सुधाकर कंस्ट्रक्शन का नाम सामने आया है। दोनों विद्यालय के बिल 5 मई 2025 के हैं। और दोनों विद्यालयों में लगाए गए बिल क्रमांक 240 और 241 है. इन बिलों के ऊपर स्कूल प्रिंसिपल और जिला शिक्षा अधिकारी के सरकारी सील भी लगी हुई है।