ग्वालियर। अतुल सक्सेना| मध्यप्रदेश की राजनीति में चौथी बार मुख्यमंत्री बनकर नया इतिहास बनाने वाले शिवराज सिंह चौहान के नाम एक और रिकॉर्ड दर्ज गया है। खास बात ये है कि ये रिकॉर्ड पूरे देश का रिकॉर्ड बन गया है। नये रिकॉर्ड के हिसाब से शिवराज सिंह बिना मंत्रिमंडल का गठन किये सबसे लंबे समय तक अकेले सरकार चलाने वाले मुख्यमंत्री बन गए हैं। इससे पहले ये रिकॉर्ड कर्नाटक के मुख्यमंत्री येदियुरप्पा के नाम था।
पहली बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बने कमलनाथ की सरकार को पलटकर सत्ता से बाहर कर शिवराज सिंह चौहान ने चौथी बार मुख्यमंत्री बनते ही प्रदेश में नया रिकॉर्ड बना लिया। शिवराज सिंह ने 23 मार्च की शाम मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी और अगले ही दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 अप्रैल तक के लिए लॉक डाउन घोषित कर दिया| जिसके कारण मंत्रिमंडल का गठन टाल दिया गया। उसके बाद उम्मीद की जाने लगी कि 14 अप्रैल के बाद मंत्रिमंडल का गठन हो जायेगा लेकिन इसी बीच कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के चलते प्रधानमंत्री ने 3 मई तक के लिए लॉक डाउन फिर बढ़ा दिया और मंत्रिमंडल का गठन फिर टल गया। लेकिन इस बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अकेले ही कोरोना से लड़ने सहित प्रदेश को चलाने के लिए जरूरी फैसले अकेले ही लेते रहे और अकेले मुख्यमंत्री रहते हुए 26 दिन पूरे करते ही उनके नाम एक नया रिकॉर्ड बन गया। आज 18 अप्रैल को 27 वां दिन लगते ही शिवराज सिंह चौहान देश के पहले ऐसे मुख्यमंत्री बन गए जिन्होंने 27 दिन अकेले ही एक प्रदेश की सरकार चलाई जो अभी भी जारी है।
अब तक येदियुरप्पा के नाम था रिकॉर्ड,.. और भी हैं ऐसे मामले
शिवराज सिंह चौहान से पहले कर्नाटक में भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री बने वी एस येदियुरप्पा ने शपथ लेने के 26 वे दिन अपने मंत्रिमंडल का गठन किया था और इतने दिन तक अकेले ही सरकार चलाई थी। येदियुरप्पा ने 26 जुलाई 2019 को कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी और 26 वे दिन 20 अगस्त 2019 को मंत्रिमंडल का गठन कर लिया था। इससे पहले कर्नाटक में ही कांग्रेस जेडीएस गठबंधन सरकार के मुख्यमंत्री कुमार स्वामी ने कुर्सी संभालने के 14 दिन बाद मंत्रिमंडल का गठन किया था। लेकिन तेलंगाना का मामला सबसे रोचक हैं । मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव (केसीआर) ने 68 दिन बाद मंत्रिमंडल का गठन किया था लेकिन जब उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी तो अपने साथ ही महमूद अली को भी गृहमंत्री के रूप में शपथ दिलाई थी। इस तरह दो लोगों ने मिलकर सरकार चलाई थी जबकि शिवराज सिंह के साथ ऐसा नहीं है। उन्हें अकेले सरकार चलाते हुए 27 दिन हो गए हैं और अभी भी अकेले ही चला रहे हैं। लेकिन पिछले कुछ दिनों से जो राजनैतिक हलचल चल रही हैं उस हिसाब से संभव है कि 3 मई तक का इंतजार नहीं किया जाए और वरिष्ठ नेतृत्व की अनुमति लेकर शिवराज सिंह चौहान मंत्रिमंडल का गठन कर लें।