कमलनाथ सरकार (kamalnath sarkar) के पतन के बाद बीजेपी(bjp) के सत्ता में आने के बाद से ही एक सवाल चर्चा का विषय बना हुआ है कि क्या किसानों(farmers) की कर्जमाफी(Debt waiver) होगी या नही। पिछली सरकार द्वारा किसानों से किया गया वादा नई सरकार पूरा करेगी या नही। ऐसे में मुख्यमंत्री शिवराज (cm shivraj)ने दो महिनों बाद चुप्पी तोड़ी है और बड़ा बयान दिया है। शिवराज ने कहा है कि किसानों के साथ कर्जमाफी बहुत बड़ा धोखा था, कांग्रेस ने केवल 6 हजार करोड़ रुपये दिये हैं। मैं तो ऐसे रास्ते निकालूंगा, जिससे किसानों के खाते में डायरेक्ट पैसा जाये।दुरावस्था प्रदेश की नहीं होने देंगे, फिर से मध्यप्रदेश बनायेंगे, फिर से इसे खड़ा कर देंगे।
शिवराज ने कहा कि कमलनाथ ने किसानों के साथ छल किया लेकिन भाजपा ने किसानों की हमेशा चिंता की है। कमलनाथ सरकार में पिछले वर्ष 60 हजार मी. टन गेंहू की खरीदी हुई थी। लेकिन इस बार उम्मीद से अधिक 1.30 लाख मी. टन गेंहू की खरीदी हुई है, जो कि मध्य प्रदेश के इतिहास में अभी तक की सर्वाधिक खरीदी है। किसानों की गेहूं खरीदी में आगे भी कोई परेशानी नही आने दी जाएगी। गेंहू का एक एक दाना सरकार खरीदेगी।
दिग्विजय के कार्यकाल पर उठाए सवाल
शिवराज ने आगे कहा कि दिग्विजय सिंह जब मुख्यमंत्री थे तब नर्मदा का पानी मालवा में ले जाने की बात होती तो वे इसे असंभव बताते थे। लेकिन हम नर्मदा का पानी शिप्रा और गंभीर तक लायें अब नर्मदा के जल को सांवेर के गांव गांव तक ले जाने के लिए श्री तुलसी सिलावट भागीरथ बनेगे। सांवेर का समग्र विकास हमारी प्राथमिकता होगी।
कमलनाथ के सवालों पर पलटवार
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कमलनाथ आज कोरोना को लेकर बड़ी-बड़ी बातें करते हैं लेकिन उन्होंने मुख्यमंत्री रहते कोरोना से प्रदेश को बचाने के लिए कोई भी गंभीरता नहीं दिखाई। उन्होंने कहा कि जब मैं सीएम बना तब तक इंदौर कोरोना की गिरफ्त में था, क्योकि मुख्यमंत्री रहते कमलनाथ जी को कोरोना संकट से ज्यादा आइफा आयोजन चिंता थी,कमलनाथ कोरोनावायरस संकट पर ध्यान देने के बजाय इंदौर में आईफा के आयोजन करवाने की चिंता ज्यादा थीं। उन्होंने कहा की समय रहते अगर कोरोना को लेकर कमलनाथ सरकार जाग जाती और आवश्यक कदम उठा लेती तो आज प्रदेश की हालत बेहतर होती। श्री चौहान ने कहा कि कमलनाथ सरकार में कोरोना को लेकर टेस्टिंग लैब तक नही थी आज प्रदेश में 19 लैब है।
सिंधिया की तारीफ
शिवराज यही नही रुके उन्होने सिंधिया की तारीफ करते हुए कहा कि पिछले 15 महीनों में कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ने मिलकर मध्य प्रदेश को भ्रष्टाचार का अड्डा बना दिया था। मुख्यमंत्री से मंत्री – विधायक मिल नहीं पाते थे लेकिन दलाल वल्लभ भवन के चक्कर काटते थे। कांग्रेस ने किसानों को कर्ज माफी के नाम पर धोखा दिया था। और जब वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने किसानों की दुर्दशा को लेकर सड़कों पर उतरने की बात की तो उन्हें भी कमलनाथ ने अपमानित किया। सिंधिया जी के नेतृत्व में तुलसीराम सिलावट और उनके साथियों ने अपने मंत्री पद को त्यागकर कमलनाथ सरकार से मध्य प्रदेश को बचाया है। उन्होंने कहा कि हम मिलकर समरस होकर संगठन को ओर मजबूत करेंगे।
बता दे कि 15 महिने में ही सत्ता से बाहर हुई कांग्रेस कर्जमाफी का वादा करके ही 15 सालो का वनवास काट पाई थी, लेकिन कमलनाथ के 15 महिनों के कार्यकाल में भी किसानों की कर्जमाफी चर्चाओं में रही।हालांकि सरकार द्वारा दावा किया जाता रहा है कि 22 लाख किसानों का कर्जा माफ किया गया है।वही विपक्ष में रही बीजेपी लगातार इसको लेकर कमलनाथ सरकार और कांग्रेस को घेरती रही। ऐसे में अब सत्ता में बीजेपी है और सवाल फिर किसानों की कर्जमाफी का है, अब देखना है कि शिवराज सरकार इस कर्जमाफी का क्या हल ढूंढती है और कांग्रेस के अधूरे कितने वादों को पूरा करती है।