भोपाल| मध्य प्रदेश में पिछले महीने सियासी उठा पटक के बाद चौथी बार मुख्यमंत्री बने शिवराज सिंह चौहान जल्दी ही अपनी कैबिनेट का गठन कर सकते हैं। कोरोना संकट को देखते हुए फिलहाल सीएम अपनी टीम को छोटा रखेंगे, बाद में कैबिनेट विस्तार होगा| सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय भाजपा से एक दो दिन में चर्चा होने की संभावना है| दिल्ली से हर झंडी मिलते ही कैबिनेट का गठन होगा|
सीएम पद की शपथ लेने के बाद से ही सीएम शिवराज पर कैबिनेट गठन को लेकर दबाव बना हुआ है| विपक्षी नेता इसको लेकर सरकार की घेराबंदी में जुटे हुए है| शिवराज कैबिनेट में अनुभव के साथ-साथ सिंधिया खेमे के नेताओं को भी मौका मिलना तय माना जा रहा है| कई पूर्व मंत्रियों का इस बार पत्ता कट होने के संकेत हैं| कोरोना संकट को देखते हुए फिलहाल मंत्रिमंडल छोटा रखने पर विचार किया जा रहा है| सूत्रों के मुताबिक कैबिनेट गठन को लेकर शिवराज प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं के साथ अलग-अलग चर्चा कर चुके हैं। अब केंद्रीय संगठन से कुछ मुद्दों पर बात होनी है|
छोटा होगा मंत्रिमंडल, सिंधिया खेमे से बनेंगे मंत्री
शिवराज की नई टीम में शामिल होने के लिए कई पुराने चेहरे भी इस बार दावेदारों की कतार में हैं। वहीं सिंधिया समर्थकों में से अभी कुछ को मंत्री बनाया जा सकता है| अभी सीएम अकेले ही कोरोना संकट के खिलाफ मैदान में डटे हुए हैं| इसी को देखते हुए मंत्रिमंडल में सीनियर मंत्री रहेंगे, जिन्हें पूर्व का अनुभव है। ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे से पूर्व मंत्री तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत को शामिल किया जा सकता है। वहीं भाजपा के सीनियर नेताओं के नाम भी चर्चा में है| जिनमे गोपाल भार्गव, नरोत्तम मिश्रा, भूपेंद्र सिंह, रामपाल सिंह, विजय शाह, गौरीशंकर बिसेन और मीना सिंह के नाम शामिल हैं| इसके अलावा कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए वरिष्ठ नेता बिसाहूलाल काे भी मौका मिल सकता है।