शिवराज सरकार का बड़ा फैसला, अब “गौमाता” को मिलेगा पुरस्कार, यहां जानें योजना के बारे में

Atul Saxena
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Shivraj government will give award to cow : चुनावी साल में मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है, शासन के पशुपालन विभाग ने मध्य प्रदेश के मूल गौवंश के पालन को बढ़ावा देने के लिए एक पुरस्कार योजना की घोषणा की है, इस योजना के तहत मध्य प्रदेश की मूल नस्ल और भारत की उन्नत नस्लों की गायों की प्रतियोगितायें होंगी और उन्हें पुरस्कार दिए जायेंगे।

1 से 15 फरवरी तक होंगी प्रतियोगिताएं 

पशुपालन मंत्री प्रेमसिंह पटेल ने बताया कि मुख्यमंत्री पशुपालन विकास योजना में “प्रदेश की मूल गौ-वंशीय नस्ल एवं भारतीय उन्नत नस्ल की दुधारू गायों के लिये पुरस्कार योजना” लागू की जा रही है। देश-प्रदेश की देशी नस्लों के गौपालन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू की गई योजना में 1 से 15 फरवरी तक प्रदेश की मूल और भारतीय उन्नत नस्ल की गायों की प्रतियोगिताएँ होंगी। इसमें 201 जिला स्तरीय पुरस्कार दिये जायेंगे, जो 45 मध्यप्रदेश के मूल गौवंशीय और 156 भारतीय उन्नत नस्ल की गायों के लिए होंगे। इसके अलावा 6 राज्य स्तरीय पुरस्कार भी दिये जायेंगे।

अलग अलग जिलों में आयोजित होंगी प्रतियोगिताएं 

प्रदेश की मूल गौवंशीय और भारतीय उन्नत नस्ल की दुधारू गायों की प्रतियोगिता जिलों में अलग-अलग की जायेंगी। प्रदेश की मूल गौवंशीय नस्ल प्रतियोगिता 15 जिलों आगर-मालवा, शाजापुर, राजगढ़, उज्जैन, इंदौर, खंडवा, खरगोन, बुरहानपुर, बड़वानी, धार, दमोह, पन्ना, टीकमगढ़, छतरपुर और निवाड़ी में की जायेगी। भारतीय उन्नत नस्ल गाय प्रतियोगिता सभी 52 जिलों में होगी। अधिक दूध देने वाली गायों के पशुपालकों को पुरस्कार दिया जायेगा। प्रदेश की मूल गौवंशी नस्ल-मालवी, निवाड़ी और केनकथा नस्ल गाय का प्रतिदिन दुग्ध उत्पादन 4 लीटर या अधिक और भारतीय गाय का 6 लीटर या उससे अधिक होना चाहिए।

अधिकतम पुरस्कार राशि 2 लाख रुपये 

दोनों प्रतियोगिताओं में जिला स्तरीय प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार क्रमश: 51 हजार, 21 हजार और 11 हजार रूपये होगा। इसी तरह राज्य स्तरीय पुरस्कार भी क्रमश: 2 लाख, 1 लाख और 50 हजार रूपये का होगा। प्रतियोगिता के लिए सभी जिलों के विकासखंडों से पशुपालन विभागीय अमला भाग लेने के इच्छुक एवं पात्र पशुपालकों से आवेदन प्राप्त कर जिला स्तर पर उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएँ को प्रस्तुत करेगा। तीनों पुरस्कार के अलावा शेष प्रतियोगी गायों को प्रमाण-पत्र प्रदान किये जायेंगे। पुरस्कार प्राप्त समस्त पशुपालकों की सूची मय गायों की नस्ल और दुग्ध उत्पादन ब्यौंरे के साथ विभागीय वेबसाइट पर उपलब्ध होगी।

मालवी नस्ल की गायों की प्रतियोगिता जिला आगर-मालवा, शाजापुर, राजगढ़, उज्जैन और इंदौर, निमाड़ी नस्ल की जिला खंडवा, खरगोन, बुरहानपुर, बड़वानी, धार और केनकथा नस्ल की जिला दमोह, पन्ना, टीकमगढ़, छतरपुर और निवाड़ी जिले में होगी।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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