शिवराज सरकार का बड़ा फैसला : एमपी के सभी शासकीय मेडिकल कॉलेजों में शुरू होगा फिजियोथेरेपी कोर्स

Atul Saxena
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MP News : मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार (Shivraj Government) ने मेडिकल शिक्षा से जुड़ा एक बड़ा फैसला लिया है, प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग (Medical Education Minister Vishwas Sarang)  ने गुरुवार को बताया कि अब प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में फिजियोथेरेपी कोर्स की पढ़ाई कराई जाएगी । शैक्षणिक सत्र 2023-24 से मध्यप्रदेश के सभी शासकीय मेडिकल कॉलेजों में बीपीटी (बैचलर ऑफ फिजियोथेरेपी कोर्स) का पाठ्यक्रम प्रारंभ किया जायेगा। इसकी शुरूआत सबसे पहले राजधानी भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज से की जायेगी।

फिजियोथेरेपी कोर्स शुरू होने से रोगियों को मिलेगा लाभ

चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने बताया कि शासकीय मेडिकल कालेजों में फिजियोथेरेपी पाठ्यक्रम प्रारंभ किये जाने से अध्ययन/प्रशिक्षणरत विद्यार्थियों, इन्टर्न, पी. जी. स्कालर्स को उच्च स्तरीय शिक्षण-प्रशिक्षण सुनिश्चित किया जा सकेगा। साथ ही चिकित्सा संस्थानों पर बड़ी संख्या में आने वाले रोगियों को योग्य फिजियोथेरेपिस्ट के माध्यम से चिकित्सा सेवाएँ प्रदान करने के लिये मानव संसाधन भी उपलब्ध रहेगा।

सबसे पहले गांधी मेडिकल कॉलेज से होगी शुरूआत

मंत्री सारंग ने बताया कि बीपीटी कोर्स की शुरूआत सबसे पहले भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज से इसी शैक्षणिक सत्र 2023-24 से की जायेगी। आने वाले समय में यह कोर्स प्रदेश के सभी शासकीय मेडिकल कॉलेजों में शुरू किया जायेगा। उन्होंने कहा कि भोपाल का गांधी मेडिकल कॉलेज चिकित्सा शिक्षा एवं चिकित्सा सेवा का महत्वपूर्ण केन्द्र है, जहाँ से आधुनिक चिकित्सा पद्धति के लगभग 100 से अधिक चिकित्सक प्रति वर्ष तैयार होकर निकलते हैं।

अभी इंदौर और जबलपुर मेडिकल कॉलेज में है ये कोर्स

मंत्री ने कहा कि वर्तमान में शासकीय मेडिकल कालेज, इंदौर एवं शासकीय मेडिकल कालेज, जबलपुर में फिजियोथेरेपी पाठ्यक्रम संचालित हैं। इन कालेजों के ही समान गांधी मेडिकल कालेज, भोपाल सहित प्रदेश के सभी शासकीय मेडिकल कालेजों में पहले से ही आधारभूत सुविधाएँ, व्यवस्थाएँ उपलब्ध हैं। इसीलिये बिना किसी विशेष अतिरिक्त व्यय के इनमें फिजियोथेरेपी पाठ्यक्रम प्रारंभ करके प्रदेश के लिए योग्य, अनुभवी एवं कुशल फिजियोथेरेपिस्ट तैयार किये जा सकेंगे।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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